राजसमंद। प्लेग के बाद जागे गुजरात के सूरत में रोज अच्छी तरह सफाई से शहर का नक्शा क्या बदला, यह शहर दूसरे शहरों के लिए रोल मॉडल हो गया। उसी की तर्ज पर अब राजसमंद में भी शहर को साफर रखने का तरीका अपनाना तय किया गया है। अब से नजारा कुछ यूं होगा:-
एक साफ सुथरा व्यक्ति घर-घर चमचमाती कचरा गाडी लेकर पहुंचे और 'डोर बेल' बजा कर कचरा मांगेगा। सब्जी, पॉलीथिन, धूल-मिट्टी और कागज आदि के कचरे के लिए अलग-अलग रंग का डिब्बा। गलियां, नालियां, सडकें हो साफ सुथरी और कहीं भी कूडा, कचरा, मलबा नजर नहीं आए। है न सुखद आश्चर्य।
यह काम नगर पालिका करवाएगी और एशियन विकास बैंक धन मुहैया कराएगा, मगर इस कार्य में थोडा वक्त लगेगा, यानी करीब एक या डेढ साल। हालांकि इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है और राशि की स्वीकृति के बारे में भी कोई झंझट नहीं है। यानी कुछ थोडी देर बाद धर्मनगरी स्वर्ग से सुंदर नगरी के रूप में नजर आएगी।
राजस्थान आधारभूत शहरी विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) के द्वितीय चरण के तहत राजसमंद सहित अन्य जिलों में चल रहे कार्यो के तहत राजसमंद नगर पालिका को शहर सुंदर बनाने के लिए कई प्रकार के उपकरण देने के प्रावधान किए गए हैं।
इनमें आठ रंगों और आठ खण्डों वाली रिक्शा ट्रॉलियां, छह खण्ड वाली हाथ गाडियां व घर-गलियों में रखे जाने वाले कचरा पात्र आदि शामिल हैं। फिलहाल आरयूआईडीपी की ओर से कुल 165 उपकरण देने की योजना बनाई गई है। इन आंकडों में पालिका की मांग के अनुसार कमी अथवा बढोतरी की जा सकती है।
घरों से गलियों में
घरों से अलग-अलग प्रकार का कचरा अलग-अलग प्रकार के डिब्बों में एकत्र किया जाएगा ताकि उनका वर्गीकरण कर निस्तारण अथवा कम्पोस्ट बनाने के लिए परेशानी नहीं हो। घरों से एकत्र किया जाने वाला कचरा गलियों में रखे जाने वाले बडे कचरा पात्रों में एकत्र किया जाएगा।
घरों से कचरा एकत्र करने के लिए 21 धक्का गाडियां व 11 रिक्शा ट्रॉलियां लगाई जाएंगी। आठ व छह डिब्बों वाली ये गाडियां कचरा एकत्र कर आगे पहुंचाएंगी। इसके अलावा 86 विभिन्न छोटे डिब्बे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे, जो सफाईकर्मी कचरा एकत्र करने में उपयोग करेंगे।
हर गली में कचरा पात्र
शहर में पहले से ही कुल 23 द्वारयुक्त बडे कचरा रखे हुए हैं एवं शहर के विस्तार के साथ नई बसावट वाली कॉलोनियों सहित तमाम गलियों में रखने के लिए कुल 40 कचरा पात्र और दिए जाने की योजना है। घरों से निकलने वाला गलियों में व गलियों से निकलने वाला कचरा ट्रकों के माध्यम से एक स्थान पर एकत्र किया जाएगा। बाद में परिवहन करने के लिए दो और डंपर के माध्यम से कचरे सारे कचरे को डम्पिंग यार्ड तक पहुंचाया जाएगा।
इनका कहना है
जिला मुख्यालय को साफ-सुथरा रखने के लिए नगर पालिका राजसमंद को अरबन विकास बैंक के सहयोग से करीब 165 उपकरण देने का प्रावधान है। अगर कोई अन्य उपकरण भी चाहिए होगा तो वह भी मुहैया कराया जाएगा अथवा किसी उपकरण की जरूरत नहीं होगी तो उसमें कमी की जाएगी।
एक साफ सुथरा व्यक्ति घर-घर चमचमाती कचरा गाडी लेकर पहुंचे और 'डोर बेल' बजा कर कचरा मांगेगा। सब्जी, पॉलीथिन, धूल-मिट्टी और कागज आदि के कचरे के लिए अलग-अलग रंग का डिब्बा। गलियां, नालियां, सडकें हो साफ सुथरी और कहीं भी कूडा, कचरा, मलबा नजर नहीं आए। है न सुखद आश्चर्य।
यह काम नगर पालिका करवाएगी और एशियन विकास बैंक धन मुहैया कराएगा, मगर इस कार्य में थोडा वक्त लगेगा, यानी करीब एक या डेढ साल। हालांकि इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट लगभग तैयार हो चुकी है और राशि की स्वीकृति के बारे में भी कोई झंझट नहीं है। यानी कुछ थोडी देर बाद धर्मनगरी स्वर्ग से सुंदर नगरी के रूप में नजर आएगी।
राजस्थान आधारभूत शहरी विकास परियोजना (आरयूआईडीपी) के द्वितीय चरण के तहत राजसमंद सहित अन्य जिलों में चल रहे कार्यो के तहत राजसमंद नगर पालिका को शहर सुंदर बनाने के लिए कई प्रकार के उपकरण देने के प्रावधान किए गए हैं।
इनमें आठ रंगों और आठ खण्डों वाली रिक्शा ट्रॉलियां, छह खण्ड वाली हाथ गाडियां व घर-गलियों में रखे जाने वाले कचरा पात्र आदि शामिल हैं। फिलहाल आरयूआईडीपी की ओर से कुल 165 उपकरण देने की योजना बनाई गई है। इन आंकडों में पालिका की मांग के अनुसार कमी अथवा बढोतरी की जा सकती है।
घरों से गलियों में
घरों से अलग-अलग प्रकार का कचरा अलग-अलग प्रकार के डिब्बों में एकत्र किया जाएगा ताकि उनका वर्गीकरण कर निस्तारण अथवा कम्पोस्ट बनाने के लिए परेशानी नहीं हो। घरों से एकत्र किया जाने वाला कचरा गलियों में रखे जाने वाले बडे कचरा पात्रों में एकत्र किया जाएगा।
घरों से कचरा एकत्र करने के लिए 21 धक्का गाडियां व 11 रिक्शा ट्रॉलियां लगाई जाएंगी। आठ व छह डिब्बों वाली ये गाडियां कचरा एकत्र कर आगे पहुंचाएंगी। इसके अलावा 86 विभिन्न छोटे डिब्बे भी उपलब्ध करवाए जाएंगे, जो सफाईकर्मी कचरा एकत्र करने में उपयोग करेंगे।
हर गली में कचरा पात्र
शहर में पहले से ही कुल 23 द्वारयुक्त बडे कचरा रखे हुए हैं एवं शहर के विस्तार के साथ नई बसावट वाली कॉलोनियों सहित तमाम गलियों में रखने के लिए कुल 40 कचरा पात्र और दिए जाने की योजना है। घरों से निकलने वाला गलियों में व गलियों से निकलने वाला कचरा ट्रकों के माध्यम से एक स्थान पर एकत्र किया जाएगा। बाद में परिवहन करने के लिए दो और डंपर के माध्यम से कचरे सारे कचरे को डम्पिंग यार्ड तक पहुंचाया जाएगा।
इनका कहना है
जिला मुख्यालय को साफ-सुथरा रखने के लिए नगर पालिका राजसमंद को अरबन विकास बैंक के सहयोग से करीब 165 उपकरण देने का प्रावधान है। अगर कोई अन्य उपकरण भी चाहिए होगा तो वह भी मुहैया कराया जाएगा अथवा किसी उपकरण की जरूरत नहीं होगी तो उसमें कमी की जाएगी।
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