Saturday, December 19, 2009

बिखरेगी संस्कृति की इंद्रधनुषी छटा

कुंभलगढ। पर्यटन विभाग की मेजबानी में ऎतिहासिक अजेय दुर्ग कुंभलगढ पर सोमवार से शुरू हो रहे कुंभलगढ फेस्टिवल की तैयारियो को शनिवार शाम तक लगभग अंतिम रूप दिया जा चुका है। दुर्ग क्षेत्र व पूरा मार्ग यहां आने वाले सैलानियों के स्वागत के लिए सज-धज कर तैयार है। उपखण्ड अघिकारी हिम्मतसिंह बारहठ ने बताया कि प्रताप चौराहा से लेकर मुख्य प्रवेश द्वार तक सडक के दोनों किनारों पर रोड लाइटों की व्यवस्था करने के साथ ही प्रमुख चिह्नित स्थानों पर पानी की टंकिया रखवा दी गई हैं। वहीं सडक के किनारों पर लाल व सफेद मिट्टी से लाइन बना कर पूरे मार्ग को सजाया गया है। उन्होंने बताया कि दुर्ग परिसर में करीब तीन हजार लोगों के बैठने के लिए पण्डाल तैयार कराया गया है। इसके साथ ही आयोजन अवघि के दौरान दुर्ग परिसर में मय एम्बुलैंस के चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध रहेगी।
* ये होंगे कार्यक्रमइस बार कुंभलगढ फेस्टिवल के तहत तीन दिन तक विविध प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। 21 से 23 दिसम्बर तक सुबह 11.00 बजे से 3.00 बजे तक राजस्थानी संस्कृति पर आधारित कालबेलिया नृत्य, चकरी, घूमर व एकल नृत्य के साथ कई प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। वहीं शाम को 7.30 से 9.00 बजे तक दक्षिणी संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।
* माटी की सुगंध बिखरेगी महोत्सव के दौरान तीनों दिन सुबह 11 से 3 बजे तक राजस्थान के ख्यातनाम लोक कलाकार लोक संस्कृति का रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे। इसके तहत अलवर के बनयसिंह व दल की ओर से रिम भवई व खारी नृत्य, बाडमेर से सुशीलकुमार व दल के जरिये गेर नृत्य, बाडमेर से स्वरूप पंवार दल की ओर से घूमर नृत्य, जोधपुर के पारसनाथ व दल की ओर से अलगोजा वादन व कच्छीघोडी नृत्य और बारां जिले से फूलवा व दल की ओर से चकरी नृत्य प्रमुख हैं। इसके अलावा पर्यटकों के बीच साफा बांधने, मेहंदी, रंगोली, रस्साकशी आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
* हॉर्स सफारी फेस्टिवल के दौरान पर्यटकों के लिए निर्घारित शुल्क पर जीप सफारी, हॉर्स सफारी व कैमल सफारी की व्यवस्था की गई है। इसके लिए महाराणा प्रताप चौराहे पर स्थान निर्घारित किया गया है। पर्यटक निर्घारित शुल्क देकर इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
* उदयपुर से बस सेवापर्यटकों व आमजन की सुविधा के लिए निजी बस संचालकों की ओर से बसों की व्यवस्था की गई है, जो उदयपुर फतह मेमोरियल स्थित पर्यटक कार्यालय से दोपहर 2 बजे से रवाना होगी और कार्यक्रम समाप्ति पर रात 9 बजे वापस उदयपुर के लिए रवाना होगी।

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