आपातकालीन सेवा 108 के चिकित्साकर्मी और पायलेट तब आपात स्थिति में आ गए जब उन्हें नशे में धुत्त तथा गांववालों की नाक में दम करने वाले दम्पती को गांव से ले जाने के लिए ग्रामीणों ने दबाव बनाया और उन्हें घेर लिया। यह वाकया राजसमंद जिला मुख्यालय पर सेवा देने वाले आपातकालीन सेवा 108 के कार्मिकों के साथ होली की रात को पेश आया। हुआ यूं कि रात करीब पौने बारह बजे आपातकालीन सेवा 108 सेवा के चिकित्साकर्मी सतीश कुमार व पायलेट मोहम्मद हनीफ को सूचना मिली की जिला मुख्यालय से करीब 20 किमी दूर सापोल गांव के समीप कोई दुर्घटना हुई है। इस पर दोनों कार्मिक सापोल के लिए रवाना हुए और करीब 15 मिनट में वहां पहुंच गए। बताया गया कि सापोल में उस वक्त कोई दुर्घटना नहीं हुई थी बल्कि यहां रहने वाले नेपाली दम्पती नशे में धुत्त होकर पूरे गांव को सिर पर उठा रखा था। नशे में धुत दम्पती जहां ग्रामीणों के काबू में नहीं आ रहे थे। इसके बावजूद चिकित्साकर्मी सतीश कुमार व मोहम्मद हनीफ ने उन्हें काबू में करने का प्रयास किया लेकिन इस दौरान नेपाली दम्पती ने 108 पर पथराव करना शुरू कर दिया। सतीश व मोहम्मद हनीफ ने नेपाली दम्पती को काबू में करने के लिए ग्रामीणों का सहयोग भी लिया और उन्हें वाहन तक भी लाए लेकिन नेपाली दम्पती को जिला मुख्यालय तक ले जाने के दौरान वाहन में साथ रहने के लिए कोई ग्रामीण तैयार नहीं हुआ। इस पर सतीश व मोहम्मद हनीफ ने ग्रामीणों से काफी समझाइश की लेकिन कोई भी टस से मस नहीं हुआ। चूंकि मामला सामान्य घटना का था इस पर कार्मिकों ने ग्रामीणों को समझाने की नीयत से गाड़ी को मुख्य स्थान से हटा कर अन्यत्र खड़ा कर दिया जिस पर ग्रामीणों ने वाहन को घेर लिया। ग्रामीणों ने दोनों कार्मिकों पर दबाव बनाया कि बिना किसी ग्रामीण की मदद से दम्पती को वहां से ले जाए। इस पर सतीश कुमार की सूचना पर राजनगर थाने के एएसआई भंवर सिंह मारवाड मौके पर पहुंचे और 108 के कार्मिकों को वहां से लेकर आए।
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