Saturday, March 20, 2010

हरी गणगौर पर लाव लश्कर के साथ निकली सवारी

राजसमन्द कांकरोली में चल रहे पांच दिवसीय गणगौर महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार शाम को निकाली गई हरी गणगौर की परम्परानुसार सवारी देखने नगर व आस पास गांवों से ग्रामीणों का सैलाब उमड़ पड़ा। हरे रंगो से सजे धजे परिधानों के साथ पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की तृतीय पीठ प्रभु श्री द्वारिकाधीश मंदिर से गणगौर की सवारी लाव लश्कर के साथ रवाना हुई, जिसे देखने के लिए नगर के सभी प्रमुख मार्गों के किनारे हजारों लोग जमा थे, जिन्होने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। आज हरी गणगौर की शोभा यात्रा को लेकर नगर एवं मेला स्थल पर हरे रंग की गहरी हल्की खूब छटाएं बिखरी। नगर की महिलाओं ने हरे रंग के परिधान पहन कर मेला स्थल पहुंची। वहीं सवारी में सम्मिलित नगरपालिका अध्यक्ष अशोक रांका, पार्षद एवं नगरवासी हरी पगडी, इकलाई पहन कर सम्मिलित थे। शोभायात्रा के स्वागत में समूचा नगर आकर्षक स्वागत द्वारों से अटा हुआ है। भांति-भांति के बने इन स्वागत द्वारों रंग बिरंगी रोशनी से सजाया संवारा गया है। करीब डेढ किलोमीटर लम्बी शोभायात्रा में सबसे आगे गजराज, मंदिर निशान, ऊंट सवारी पर नक्कार वादक, हरे पगडी साफे, गुल दुपट्टों, बुगलबंडी, कुर्ता, धोती पहने राजस्थानी, सूरमाओं का स्वरूप धारण किए घुडसवार चल रहे थे। शोभायात्रा में कांकरोली मंंदिर बैण्ड, पलटन जवान रमजन के साथ विभिन्न बैण्डों पर भक्ति संगीत की स्वर लहरिया तथा रथ पर सवार गणगौर प्रतिमाएं लिए महिलाएं गणगौर गीत गाती सम्मिलित थी। शोभायात्रा में सम्मिलित एक दर्जन धार्मिक एवं राष्ट्रीय भावना जागृत करने वाली झांकिया, ढोल नगाडों के कर्णभेदी स्वरलहरियों के बीच कच्छी घोडी नर्तकों ने नृत्य प्रस्तुत कर मनोरंजन किया। वहीं हरी गणगौर सवारी में हाथी, डायनासोर, मिकी माउस, डिकी डोनाल्ड सहित विभिन्न मुखौटा पात्र जिनकी चाल एवं हावभाव देख दर्शक काफी भाव विभोर हो गए। इस बार शोभायात्रा में विभिन्न देवी देवताओं की आकर्षक झांकी, प्रभु द्वारकाधीश के मंगला स्वरूप की झांकी भी शामिल थी। शोभायात्रा में सुखपाल बिराजित प्रभु श्री द्वारकाधीश छवि लिए मंदिर सेवादार चंवर-छत्र ढुलाते चल रहे थे। सब्जी मंडी स्थित सुखपाल की छतरी में प्रभु द्वारकाधीश की पालकी का भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा की। प्रभु सुखपाल के साथ पालिकाध्यक्ष अशोक रांका, पार्षद एवं गणमान्य नागरिक चल रहे थे। शोभा यात्रा रेती मोहल्ला, चौपाटी दरवाजा, नया बाजार, बस स्टेण्ड, जेके मोड, होते हुए बालकृष्ण स्टेडियम स्थित मुख्य मेला प्रांगण में पहुंची। जहां पर परम्परानुसार प्रभु श्री द्वारकाधीश के गगन भेदी जयकारे के साथ स्वागत किया गया। मुख्य प्रांगण में महिलाओं ने गणगौर पूजन, झाला देने के साथ ही सुखपाल बिराजित प्रभु श्री को शीश नवाएं। इधर मेला स्थल पर अपराह्न बाद डोलर, चकरी, झूले में बैठने के लिए लोगों की रेलमपेल रही, वहीं छोटे बालकों ने पूपाडी, टोपी, बांसुरी, चाट-पकौडी भी खूब खरीदी की। रासलीला से ब्रजमय हुआ पाण्डाल : ब्रज लोक कला मण्डल की ओर से गुरुवार रात को मेला स्थल पर आयोजित राधा-कृष्ण की रास लीला से सम्पूर्ण पाण्डाल ब्रज संस्कृति से ओतप्रोत हो गया। रासलीला का आगाज श्रीकृष्ण के स्वागत एवं राधा की आरती उतारने के साथ हुआ। वाद्ययंत्र एवं साथी गायकों की भजन एवं रसिया की स्वरलहरियां बिखरने के साथ ही रास लीला परवान पर चढऩे लगी। ब्रज लोक कला मण्डल के कलाकारों ने मयूर नृत्य लट्ठ मार होली पर आकर्षक प्रस्तुति देकर बरसाने गांव की संस्कृति से ओतप्रोत कर दिया।

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