Monday, March 22, 2010

आग ने बरपाया कहर

राजसमंद। नगर के हस्तिनापुर क्षेत्र में सोमवार दोपहर बाद बस्ती के बिल्कुल समीप खेत में काट कर रखी गेहूं की फसल में आग लग गई। आस-पडोस के लोगों ने दमकल को सूचना दी लेकिन दमकल आने से पहले ही सारी फसल मिनटों में राख में तब्दील हो गई।
उपस्थित लोगों ने बताया कि रविवार को ही फसल काटी गई थी तथा आज थ्रेशर से गेहूं निकाले जाने थे लेकिन दोपहर बाद ऊपर से निकल रही विद्युत लाइन में तेज हवा के चलते हुए स्पार्क से निकली चिंगारी से नीचे रखी फसल ने आग पकड ली तथा सब कुछ राख हो गया।
आधे घन्टे बाद पहुंची दमकल ने आग को पूरी तरह बुझाया। सूचना मिलने पर उक्त खेत का किसान मौके पर पहंुचा तो मेहनत को आग की भेंट चढता देख अवाक रह गया। आसपास की बस्ती के भी बडी संख्या में लोग एकत्र हो गए।
पार्षद मांगीलाल टांक भी घटनास्थल पर पहुंचे तथा उन्होने एवीएनएल के कनिष्ठ अभियन्ता को फोन कर घटना की जानकारी दी जिस पर अभियन्ता मौके पर पहुंच नुकसान का आकलन किया। बताया जाता है कि दो बीघा खेत पर बोई गेहूं की फसल जलने से करीब तीस हजार रूपए का नुकसान हुआ है।
खलिहान खाक
लावासरदारगढ। लावासरदारगढ से दस किमी दूर ग्राम पंचायत झौर के गांव उलपुरा में अज्ञात कारणों से लगी आग से खलिहान राख हो गया। घटना के अनुसार गांव के नाथूसिंह सोलंकी के खेत पर स्थित खलिहान में आग लग गई। घटना की सूचना मिलते ही बडी संख्या में ग्रामीणों मौके की ओर दौडे तथा आग बुझाने का प्रयास करने लगे।
तेज हवाओं के चलने से वह आग पर काबू नहीं पा सके। इस दौरान ग्रामीणों की सूचना पर मौके पर राजसमंद से पहुंची दमकल की मदद से लगभग दो घंटे बाद आग पर काबू पाया गया लेकिन तब तक बीस हजार रूपए से अधिक का अनाज जल चुका था। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीडित को आर्थिक मुआवजा दिलाने की मांग की है।
शरारती तत्वों की हरकत है बार-बार आग
कुंभलगढ। क्षेत्र के सामाजिक वानिकी के अलग-अलग वन क्षेत्रों में कुछ दिनों से आए दिन लग रही आग शरारती तत्वों की करतूत हो सकती है। यह मानना है सहायक वनपाल जगदीशचन्द्र राव का। राव ने बताया कि आग पर पूरी तरह काबू पाने के बाद रात भर आग नहीं लगती व सुबह जल्दी आग के समाचार मिल जाते है।
उन्होने बताया कि आग उसी क्षेत्र में लग रही है, जहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। जहां मानव का पहुंचना नामुमकिन है, वहां

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