Sunday, March 14, 2010

पैंथर ने किया बंदर व गाय का शिकार

कुंभलगढ। ग्रीष्म ऋतु की शुरूआत के साथ ही पानी व भोजन की तलाश में वन्यजीवों ने वन से गांवों की ओर रूख करना शुरू कर दिया है। शुक्रवार रात केलवाडा के मुख्य चहल-पहल वाले इलाके सुन्दरवास मार्ग पर स्थित एक बबूल पर बैठे कुछ बन्दरों में से एक बंदर का पैंथर ने शिकार कर लिया।
प्रत्यक्षदर्शी किशन पालीवाल व देवीलाल आदि ने बताया कि रात्रि करीब 10 बजे श्मशान मार्ग से आया पैंथर देखते ही देखते पेड पर चढ गया और एक बन्दर को मुंह में दबोच कर पुन: उसकी रास्ते से अंधेरे की ओर भाग लिया। उन्होंने बताया कि करीब दस मिनट में यह घटना घटी।
शिकार के बाद पैंथर अपने अंदाज में तेज चलता हुआ भाग निकला। उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी इन्हीं दिनों केलवाडा तहसील रोड व आजाद चौक में पैंथर दिखाई दिया था। इस वर्ष भी ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होने के साथ पैंथर का आबादी क्षेत्र में आना खतरे का सूचक है। कुंभलगढ अभयारण्य में पेयजल समस्या गहराते ही वन्यजीव आबादी क्षेत्रों में प्रवेश करने लगे हैं।
पैंथर का आंतक
कुंभलगढ। दुर्ग परिसर में एक पैंथर ने शनिवार रात्रि को बस्ती में स्थित शिव मन्दिर की सीढियो पर एक गाय को अपना शिकार बना लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रात्रि को जैसे ही दुर्ग की लाइटिंग बंद हुई, उसके तुरंत बाद करीब आठ बजे शिव मन्दिर के पास बैठी एक गाय पर पर पीछे से आए पैंथर ने हमला बोल दिया और पलक झपकते ही मार डाला।
वह मौके पर ही गाय को पीछे से आधा चट कर गया। गांववासियों ने बताया कि क्षेत्र में पिछले कुछ माह से पैंथर का आंतक है। उसने एक माह पूर्व भी वहां पर बाडे मे बंधी एक गाय का मारना चाहा, लेकिन आवाज होने से जागे लोग वहां पहुंच गए, जिससे वह वहां से भाग निकला।

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