कुंभलगढ। क्षेत्र के सांवलिया वनखण्ड मे लगी आग ने वनकर्मियो का रक्तचाप बढा दिया है। आग उस क्षेत्र में लगी है, जहां केवल पैदल ही जाया जा सकता है। वीरान जंगल व उबड-खाबड रास्तों पर चल-चल कर व टहनियो से आग को पीटते-पीटते वनकर्मियों का रक्तचाप बढ गया है, जिससे सहायक वनपाल दलपतसिंह राजसमंद अस्पताल में भर्ती हैं तो मौके पर मौजूद सहायक वन पाल जगदीशचन्द्र राव का भी रक्तचाप जवाब दे गया है।
शनिवार को रातभर मौके पर आग बुझाने के बाद रविवार को पुन: भडकी आग देखते ही देखते करीब 150 हेक्टेयर में फैल गई थी। सुबह दस बजे से यहां तैनात सहायक वनपाल जगदीशचन्द्र राव, केटल गार्ड हरनाथ सिंह व वन मित्र हरिसिंह ने आस-पास से पहुंचे ग्रामीणों के साथ मिलकर करीब शाम चार काबू पाया। फिलहाल आग शांत है, लेकिन बार-बार धधकने से अंदेशा बना हुआ है।
वनकर्मी जगदीश चन्द्र राव ने बताया कि बस्ती से लगभग 8-10 किमी दूर वीरान जंगलों में पैदल चलकर जाना व वहां रात-दिन डटे रहकर बिना पानी, रेत व दमकल के चारों तरफ फैली आग पर काबू पाना बहुत टेढी खीर है।
शनिवार को रातभर मौके पर आग बुझाने के बाद रविवार को पुन: भडकी आग देखते ही देखते करीब 150 हेक्टेयर में फैल गई थी। सुबह दस बजे से यहां तैनात सहायक वनपाल जगदीशचन्द्र राव, केटल गार्ड हरनाथ सिंह व वन मित्र हरिसिंह ने आस-पास से पहुंचे ग्रामीणों के साथ मिलकर करीब शाम चार काबू पाया। फिलहाल आग शांत है, लेकिन बार-बार धधकने से अंदेशा बना हुआ है।
वनकर्मी जगदीश चन्द्र राव ने बताया कि बस्ती से लगभग 8-10 किमी दूर वीरान जंगलों में पैदल चलकर जाना व वहां रात-दिन डटे रहकर बिना पानी, रेत व दमकल के चारों तरफ फैली आग पर काबू पाना बहुत टेढी खीर है।
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