राजसमंद। लैप्स होने की कगार पर पहुंची गार्गी पुरस्कार की राशि आखिरकार मंगलवार को वितरित कर दी गई। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कांकरोली में जिला कलक्टर औंकारसिंह के सान्निध्य में आयोजित समारोह में जिले भर के 284 प्रतिभावान विद्यार्थियों को पुरस्कार प्रदान किया गया। जिला कलक्टर औंकारसिंह ने बालिकाओं को बधाई देते हुए कहा कि राजसमंद जिले के लिए यह संख्या बहुत कम है। उन्होंने बालिकाओं से अगले वर्ष संख्या और बढाने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि राजसमंद महिला शिक्षा की दृष्टि से पिछडा जिला है। हम सभी को सामूहिक प्रयासों से बालिका शिक्षा को प्रभावी बनाने पर ही इस पिछडेपन से मुक्ति मिलेगी। जिला शिक्षा अधिकारी-माध्यमिक राजकुमारी मीणा ने भी बालिकाओं से अपने जीवन में नई ऊंचाइयां पाने का आह्वान किया।
शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी हंसराज गिरि गोस्वामी ने कहा कि पुरस्कार 15 वर्षो से दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौरव पुरस्कार इस वर्ष दूसरी बार प्रदान किए गए। बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार का यह चौथा वर्ष है। महर्षि याज्ञवल्क्य की पत्नी विदुषी गार्गी के नाम पर यह पुरस्कार तत्कालीन शिक्षा मंत्री गुलाबचंद कटारिया के कार्यकाल में शुरू किए गए। दीप प्रज्वलन तथा माल्यार्पण के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मीणा तथा प्रधानाचार्य सुषमा भाणावत ने स्वागत उद्बोधन दिया।
जगह कम पडीमौके पर जिले भर से आए प्रतिभावान विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों की संख्या के सामने आयोजक विद्यालय का हॉल छोटा पड गया। कई विद्यार्थी तथा अभिभावकों के पूरे कार्यक्रम के दौरान बाहर खडे रहने से मुख्य अतिथि कलक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भविष्य में ऎसे जिलास्तरीय कार्यक्रम को उचित स्थान पर रखने की नसीहत देते हुए कहा कि तभी ऎसे आयोजनों की गरिमा बच पाएगी।
ये थे मौजूदजिला कलक्टर औंकारसिंह, जिला शिक्षा अघिकारी-माध्यमिक राजकुमारी मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रांरभिक जगदीशचन्द्र खण्डेलवाल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अघिकारी मुकुंद शर्मा, शैक्षिक प्रकोष्ठ अघिकारी हंसराजगिरी गोस्वामी सहित बडी संख्या में विद्यार्थी एवं अभिभावक।
उन्होंने कहा कि राजसमंद महिला शिक्षा की दृष्टि से पिछडा जिला है। हम सभी को सामूहिक प्रयासों से बालिका शिक्षा को प्रभावी बनाने पर ही इस पिछडेपन से मुक्ति मिलेगी। जिला शिक्षा अधिकारी-माध्यमिक राजकुमारी मीणा ने भी बालिकाओं से अपने जीवन में नई ऊंचाइयां पाने का आह्वान किया।
शैक्षिक प्रकोष्ठ अधिकारी हंसराज गिरि गोस्वामी ने कहा कि पुरस्कार 15 वर्षो से दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गौरव पुरस्कार इस वर्ष दूसरी बार प्रदान किए गए। बालिका प्रोत्साहन पुरस्कार का यह चौथा वर्ष है। महर्षि याज्ञवल्क्य की पत्नी विदुषी गार्गी के नाम पर यह पुरस्कार तत्कालीन शिक्षा मंत्री गुलाबचंद कटारिया के कार्यकाल में शुरू किए गए। दीप प्रज्वलन तथा माल्यार्पण के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मीणा तथा प्रधानाचार्य सुषमा भाणावत ने स्वागत उद्बोधन दिया।
जगह कम पडीमौके पर जिले भर से आए प्रतिभावान विद्यार्थियों तथा उनके अभिभावकों की संख्या के सामने आयोजक विद्यालय का हॉल छोटा पड गया। कई विद्यार्थी तथा अभिभावकों के पूरे कार्यक्रम के दौरान बाहर खडे रहने से मुख्य अतिथि कलक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भविष्य में ऎसे जिलास्तरीय कार्यक्रम को उचित स्थान पर रखने की नसीहत देते हुए कहा कि तभी ऎसे आयोजनों की गरिमा बच पाएगी।
ये थे मौजूदजिला कलक्टर औंकारसिंह, जिला शिक्षा अघिकारी-माध्यमिक राजकुमारी मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रांरभिक जगदीशचन्द्र खण्डेलवाल, अतिरिक्त जिला शिक्षा अघिकारी मुकुंद शर्मा, शैक्षिक प्रकोष्ठ अघिकारी हंसराजगिरी गोस्वामी सहित बडी संख्या में विद्यार्थी एवं अभिभावक।
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