भीम। पंचायत समिति में ट्रोमा सेंटर और सामुदायिक अस्पताल के क्रमोन्नयन की घोषणा पर बजट में भले ही स्थान मिल गया हो लेकिन कस्बावासियों को व्यावहारिक तौर पर कार्य होने की इंतजार है। हालांकि छह-सात वर्ष पूर्व भी विधानसभा में ट्रोमा सेंटर की घोषणा की गई थी।
विधानसभा में ट्रोमा सेंटर के लिए आवाज उठे सात वर्ष तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की मांग उठे दो साल बीत चुके हैं। दोनों कार्यो के अटकने का मूल कारण बजट और चिकित्साकर्मियों की नियुक्ति नहीं होना है।
उपकरण जंग खा गए
राजमार्ग पर घटित होने वाली दुर्घटनाओं में घायलों को तत्काल उपचार सुविधा के लिए छह-सात वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के कार्यकाल में ट्रोमा सेंटर की घोषणा के बाद लाखों रूपए के चिकित्सा उपकरण व एम्बुलेंस आए लेकिन बजट के अभाव में भवन निर्माण आदि पूरे नहीं हो पाए। उपकरणों पर धूल जम रही है या दीमक लग गई है।
चालक के अभाव में एम्बुलेंस खस्ताहाल हो रही है। वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में ट्रोमा पर हुई घोषणाएं कागजों से बाहर नहीं निकल पाई। अब वापस गहलोत सरकार सत्तासीन है। गहलोत ने वापस ट्रोमा सेंटर की घोषणा कर जनता की दुखती रग पर हाथ रखा है। इसी तरह वसुंधरा सरकार भी अपने कार्यकाल के अंतिम बजट में भीम सामुदायिक भवन के क्रमोन्नयन की घोषणा कर गई थी।
नेत्र इकाई पर ताले
क्षेत्र में नेत्र रोगियों की बढती तादाद को ध्यान में रख भीम सामुदायिक अस्पताल में नेत्र चिकित्सा इकाई के लिए लाखों रूपए खर्च कर अलग से शल्य चिकित्सा कक्ष और वार्ड बनाए गए। दस साल पहले बनी इस इकाई में आरंभ में उल्लेखनीय उपलब्धियां दर्ज की लेकिन कनिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ के स्थानांतरण के बाद इस पर वर्षो से लटके ताले अब तक नहीं खुले।
ये हैं रिक्त पद
भीम सामुदायिक अस्पताल में नेत्र तथा शिशु रोग के कनिष्ठ विशेषज्ञ रेडियोग्राफर, वरिष्ठ लेब तकनीशियन, दंत तकनीशियन तथा वरिष्ठ लिपिक के एक-एक पद के साथ वरिष्ठ चिकित्सा अघिकारी तथा प्रथम श्रेणी मेल नर्स के दो-दो पद रिक्त हैं।
ट्रोमा इकाई के रिक्त पद
बजट की बाट जोहती ट्रोमा इकाई में स्वीकृत चिकित्सा अधिकारी, ईसीजी तकनीशियन, एनेस्थेसिया तथा रोगी वाहन चालक के स्वीकृत पद रिक्त हैं।
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