राजसमंद। शहरवासियों के सार्वजनिक अनुरंजन के उद्देश्य को लेकर मंदिर मण्डल की ओर से 54 वर्ष पूर्व नि:शुल्क आवंटित करीब साढे दस हजार वर्ग फीट भूमि पर मण्डी चलेगी या पार्क का विकास होगा, इस बात का फैसला इसी माह होने वाली बडी बैठक में होगा। इसके साथ ही बस स्टैण्ड के मुद्दे को लेकर भी कोई अहम निर्णय होने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि पार्क विकसित करने और शहरवासियों को अनुरंजन का स्वस्थ माध्यम उपलब्ध कराने का जिम्मा नगर पालिका का होने के बावजूद पालिका इस ओर आंखें मूंदे है।
कई वर्षो से पार्क विकसित करने के बजाय इस पर पालिका ने ही मौखिक स्वीकृति देकर उन तमाम सामाजिक-सांस्कृतिक और सार्वजनिक महत्व के कार्यक्रमों पर अघोषित रोक लगा दी और मण्डी शुल्क वसूलने के बावजूद सब्जी विक्रेताओं को जमीन मुहैया नहीं कराई गई। हाल ही उपखण्ड मजिस्ट्रेट रामनारायण बडगुजर ने पालिका आयुक्त नारायणसिंह सांदू को मौखिक तौर पर पार्क और मण्डी के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
करेंगे शहर हित के निर्णय
उपखण्ड अधिकारी बडगुजर ने बताया कि इसी सप्ताह में विशेष बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें पालिका सहित तमाम महत्वपूर्ण महकमों के अधिकारियों की मौजूदगी में शहर हित से जुडे खास बिंदुओं पर अहम निर्णय लिए जाएंगे। बैठक में प्रमुख मुद्दों में गांधी पार्क (अब मण्डी) का मुद्दा खास होगा। इसे स्थानांतरित कर विट्ठल विलास बाग में स्थापित करने को लेकर अब तक हुई बैठकों में लिए गए प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी तथा मण्डी को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को तकरीबन अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
इसके साथ ही पार्क को एक बार फिर से शहरवासियों के अनुरंजन के लिए मुक्त करा दिया जाएगा। दूसरा खास मुद्दा बस स्टैण्ड पर केन्द्रित होगा। उल्लेखनीय है कि अदूरदर्शिता से बनाए गए दो बस स्टैण्ड नाकारा साबित हो चुके हैं। इनमें से एक बस स्टैण्ड उपनगर धोर्ईदा तथा दूसरा राजमार्ग आठ पर सनवाड के समीप बनाया गया था। दोनों के निर्माण के दौरान पालिका कंगाल होकर नीलाम होने की स्थिति में पहुंच गई थी। हालांकि समय रहते अपनी अचल परिसंपत्तियों को नीलाम कर कर्ज से मुक्ति पाई थी।
उल्लेखनीय है कि पार्क विकसित करने और शहरवासियों को अनुरंजन का स्वस्थ माध्यम उपलब्ध कराने का जिम्मा नगर पालिका का होने के बावजूद पालिका इस ओर आंखें मूंदे है।
कई वर्षो से पार्क विकसित करने के बजाय इस पर पालिका ने ही मौखिक स्वीकृति देकर उन तमाम सामाजिक-सांस्कृतिक और सार्वजनिक महत्व के कार्यक्रमों पर अघोषित रोक लगा दी और मण्डी शुल्क वसूलने के बावजूद सब्जी विक्रेताओं को जमीन मुहैया नहीं कराई गई। हाल ही उपखण्ड मजिस्ट्रेट रामनारायण बडगुजर ने पालिका आयुक्त नारायणसिंह सांदू को मौखिक तौर पर पार्क और मण्डी के संबंध में तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
करेंगे शहर हित के निर्णय
उपखण्ड अधिकारी बडगुजर ने बताया कि इसी सप्ताह में विशेष बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें पालिका सहित तमाम महत्वपूर्ण महकमों के अधिकारियों की मौजूदगी में शहर हित से जुडे खास बिंदुओं पर अहम निर्णय लिए जाएंगे। बैठक में प्रमुख मुद्दों में गांधी पार्क (अब मण्डी) का मुद्दा खास होगा। इसे स्थानांतरित कर विट्ठल विलास बाग में स्थापित करने को लेकर अब तक हुई बैठकों में लिए गए प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी तथा मण्डी को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को तकरीबन अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
इसके साथ ही पार्क को एक बार फिर से शहरवासियों के अनुरंजन के लिए मुक्त करा दिया जाएगा। दूसरा खास मुद्दा बस स्टैण्ड पर केन्द्रित होगा। उल्लेखनीय है कि अदूरदर्शिता से बनाए गए दो बस स्टैण्ड नाकारा साबित हो चुके हैं। इनमें से एक बस स्टैण्ड उपनगर धोर्ईदा तथा दूसरा राजमार्ग आठ पर सनवाड के समीप बनाया गया था। दोनों के निर्माण के दौरान पालिका कंगाल होकर नीलाम होने की स्थिति में पहुंच गई थी। हालांकि समय रहते अपनी अचल परिसंपत्तियों को नीलाम कर कर्ज से मुक्ति पाई थी।
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