सेमा। निकटवर्ती बडा भाणुजा ग्राम पंचायत क्षेत्र के पश्चिम की ओर से करधर बावजी मंदिर के समीप अरावली पर्वतमाला के पहाडों स्थित विशाल वन क्षेत्र में तीन दिन से धधक रहा है। अफसोस कि वन विभाग सहित तमाम सरकारी महकमे दावानल से बेखबर हैं। बुधवार शाम आग ने विकराल रूप धारण कर लिया जिससे अनिष्ट की आशंका बढ गई है।
खमनोर पंचायत समिति के नवनिर्वाचित सदस्य मीठालाल रावत, बडा भाणुजा उपसरपंच संजय पुरोहित आदि ने वन रेंजर, पटवारी, पुलिस थाना खमनोर व चौकी प्रभारी मचींद को दूरभाष से सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासनिक शिथिलता से घबराए ग्रामीणों का एक दल मंगलवार रात करीब दो बजे तक मौके पर डटा रहा और आग को बढने से रोकने का प्रयास करता रहा। इधर, ग्रामीणों में आग से अनिष्ट की आशंका के चलते प्रशासन के प्रति आक्रोश है।
इस संबंध में एक जागरूक नागरिक के खमनोर थाने में सूचना देने पर कहा गया कि आग पर काबू पाने का जिम्मा वन विभाग का है। थानाकर्मी ने दमकल को सूचना देने का आश्वासन देकर इतिश्री कर ली। वन विभाग के वन रेंजर देवेन्द्र पुरोहित को सूचना दी तो उन्होंने रात में टीम को भेजने की बात कही। न तो वनकर्मी मौके पर पहुंचा और न ही केटलगार्ड।
दावानल को लेकर अधिकारियों का रवैया शर्मनाक है। यह सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के हरित राजस्थान का भी मजाक है।
मीठालाल रावत, पंचायत समिति सदस्य, खमनोर
मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री, वन व पर्यावरण मंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री को शिकायत की जाएगी।
धर्मनारायण पुरोहित, पूर्व उप प्रधान पंस खमनोर
अरावली पर्वतमाला के इस वन क्षेत्र में तीन दिनों से आग फैल रही है, जिससे वन संपदा व वन्यजीव नष्ट हो रहे हैं।
खमनोर पंचायत समिति के नवनिर्वाचित सदस्य मीठालाल रावत, बडा भाणुजा उपसरपंच संजय पुरोहित आदि ने वन रेंजर, पटवारी, पुलिस थाना खमनोर व चौकी प्रभारी मचींद को दूरभाष से सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासनिक शिथिलता से घबराए ग्रामीणों का एक दल मंगलवार रात करीब दो बजे तक मौके पर डटा रहा और आग को बढने से रोकने का प्रयास करता रहा। इधर, ग्रामीणों में आग से अनिष्ट की आशंका के चलते प्रशासन के प्रति आक्रोश है।
इस संबंध में एक जागरूक नागरिक के खमनोर थाने में सूचना देने पर कहा गया कि आग पर काबू पाने का जिम्मा वन विभाग का है। थानाकर्मी ने दमकल को सूचना देने का आश्वासन देकर इतिश्री कर ली। वन विभाग के वन रेंजर देवेन्द्र पुरोहित को सूचना दी तो उन्होंने रात में टीम को भेजने की बात कही। न तो वनकर्मी मौके पर पहुंचा और न ही केटलगार्ड।
दावानल को लेकर अधिकारियों का रवैया शर्मनाक है। यह सीधे-सीधे मुख्यमंत्री के हरित राजस्थान का भी मजाक है।
मीठालाल रावत, पंचायत समिति सदस्य, खमनोर
मामले में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों व कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री, वन व पर्यावरण मंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री को शिकायत की जाएगी।
धर्मनारायण पुरोहित, पूर्व उप प्रधान पंस खमनोर
अरावली पर्वतमाला के इस वन क्षेत्र में तीन दिनों से आग फैल रही है, जिससे वन संपदा व वन्यजीव नष्ट हो रहे हैं।
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