गिलूण्ड। रेलमगरा थाना क्षेत्र के छतरीखेडा गांव में अनुसूचित जाति की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह को झांसा देकर बैंक से ऋण उठाने का मामला थाने में दर्ज किया गया। समूह की अध्यक्ष प्यारीबाई पत्नी मांगीलाल भील ने बताया कि चार वर्ष पूर्व पछमता के अभिकर्ता रफीक पुत्र मुमताज ने समूह का खाता गिलूण्ड बैंक में खुलवाकर समूह का अध्यक्ष प्यारीबाई, कोषाध्यक्ष शांताबाई व सचिव सोसरबाई को मनोनीत किया। कुछ दिनों बाद ही प्रत्येक महिला से पन्द्रह-पन्द्रह सौ रूपए एकत्रित करने की बात कहकर राशि बैंक में जमा कराने पर तीन माह बाद बैंक से भैंसें खरीदने के लिए छह लाख रूपए मिलने की बात कही।
इस पर सभी महिलाओं ने राशि एकत्र कर रफीक को दी। इस दौरान रफीक ने समूह की मनोनीत तीनों महिलाओं से किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी कराए। तीन माह गुजर जाने पर भी ऋण के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई तो रफीक ने नियमों में फेरबदल होने की बात कहते हुए कुछ और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की आवश्यकता बताई।
कुछ समय पूर्व समूह की महिलाओं को गिलूण्ड स्थित एसबीबीजे का एक फरमान मिला जिसमे समूह के 70 हजार रूपए का ऋण लेने व काफी समय गुजर जाने पर भी ऋण की किश्तें जमा नहीं कराने की जानकारी दी गई। पत्र को लेकर महिलाओं ने मामले की जानकारी की तो अभिकर्ता द्वारा समूह की महिलाओं को झांसा देकर बैंक से ऋण लेने का खुलासा हुआ। न्यायालय से मिले इस्तगासे के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
इस पर सभी महिलाओं ने राशि एकत्र कर रफीक को दी। इस दौरान रफीक ने समूह की मनोनीत तीनों महिलाओं से किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर भी कराए। तीन माह गुजर जाने पर भी ऋण के लिए कोई कार्रवाई नहीं हुई तो रफीक ने नियमों में फेरबदल होने की बात कहते हुए कुछ और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर की आवश्यकता बताई।
कुछ समय पूर्व समूह की महिलाओं को गिलूण्ड स्थित एसबीबीजे का एक फरमान मिला जिसमे समूह के 70 हजार रूपए का ऋण लेने व काफी समय गुजर जाने पर भी ऋण की किश्तें जमा नहीं कराने की जानकारी दी गई। पत्र को लेकर महिलाओं ने मामले की जानकारी की तो अभिकर्ता द्वारा समूह की महिलाओं को झांसा देकर बैंक से ऋण लेने का खुलासा हुआ। न्यायालय से मिले इस्तगासे के आधार पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू की है।
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