Tuesday, March 2, 2010

भारतीय संस्कृति को बचाने में सदैव मुस्तेद रहने का आह्वान

राजसमन्द। जैन मुनि सुरेश कुमार हरनावा ने कहा कि एक जमाना था जब अनपढ महिला पचास लोगों के संयुक्त परिवार की आसानी से परवरिश कर लेती थी जबकि आज पढी-लिखी महिलाओं के लिए पारिवारिक जीवन बेमानी हो चला है।
तेरापंथ महिला मण्डल राजसमन्द की ओर से महिला दिवस पर मंगलवार को आयोजित त्रिसूत्रीय कार्यक्रम में उन्होंने चिन्ता जताते हुए कहा कि आज की नारी में सहिष्णुता का दम टूटने से सामंजस्य का ग्राफ तेजी से गिरने से यह स्थितियां हुई है।
उन्होंने महिलाओं से भारतीय संस्कृति को बचाने में सदैव मुस्तेद रहने का आह्वान किया। मुनि सम्बोध कुमार ने कहा कि वक्त बहुत तेजी से करवट बदल रहा है, बदलते दौर में महिलाएं अस्मिता के पंख खोलकर हौसले की ऊंची उडान भरे और हर चुनौती का डटकर मुकाबला करें। मुख्य अतिथि जिला एवं सत्र न्यायाधीश बी.एल. शर्मा ने महिला अधिकारों और कानून की जानकारी दी।
विहार आज : मुनि सुरेश कुमार हरनावां बुधवार सुबह साढे आठ बजे विहार कर सुशीलनगर स्थित भिक्षु कुंज पहंुचेंगे।

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