राजसमंद / देवगढ। देवगढ तहसील क्षेत्र के कामली घाट चौराहे पर बुधवार को छापा कार्रवाई के दौरान एक सूने मकान से करीब 350 किलो सिंथेटिक मावा जब्त किया गया। इस मावे की एक खेप पिछले दिनों भीलवाडा जिला मुख्यालय पर बेची जा चुकी है।
जिला रसद अघिकारी उम्मेदसिंह पूनिया के नेतृत्व में प्रवर्तन निरीक्षक महेन्द्रसिंह, भीम-देवगढ के प्रवर्तन निरीक्षक हरिप्रकाश गुप्ता, खाद्य निरीक्षक विनोद थारवान, बाट माप निरीक्षक सुरेशचंद्र गुप्ता की टीम देवगढ क्षेत्र में जांच के लिए गई हुई थी। दोपहर को एक अज्ञात व्यक्ति ने सूने मकान में सिंथेटिक मावा बनने की सूचना दी। इस पर टीम ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई की।
इस दौरान वहां साबुन के कर्टन, यूरिया की डली आदि वस्तुएं देख कर तत्काल देवगढ के खंड मुख्य चिकित्सा अघिकारी डॉ. रविनंद चहल और नायब तहसीलदार सत्यनारायण को सूचना दी गई। अघिकारियों ने वहां मिठाइयां बना रहे व्यक्ति से पूछताछ की। कार्रवाई से पूर्व ही कारखाना मालिक और मिठाई निर्माता वहां से भाग छूटे।
मिठाइयां बनाते धरे गए व्यक्ति ने खुद को बासनी (जोधपुर) निवासी अनूपसिंह राजपुरोहित बताया। उसने बताया कि सिंथेटिक मावे की एक खेप पिछले दिनों भीलवाडा में बीकानेर मिठाई वाला के यहां बेची जा चुकी है। तैयार किया जा रहा साढे तीन सौ किलो सिंथेटिक मावा दीपावली से पहले ही बाजारों में बेचने की तैयारी थी।
अनूपसिंह ने पूछताछ में बताया कि यहां पिछले एक माह से सिंथेटिक मावा बनाने का कारोबार चल रहा था। इस कारखाने का उपयोग केवल त्योहारों में मिठाइयां बनाने के लिए किया जाता है। बाकी दिनों में यहां कोई भी आता-जाता नहीं है। कार्रवाई शाम करीब साढे पांच बजे शुरू हुई, जो रात तक जारी थी। टीम ने नमूने लेने के बाद मिठाई नष्ट करने का काम शुरू कर दिया।
इनका कहना हैयूरिया से तैयार सिंथेटिक दूध से बनी मिठाई का सेवन गुर्दो के लिए खतरनाक हो सकता है। बाद में गुर्दे खराब हो जाते हैं। जान भी जा सकती है।- डॉ. रविनंद चहल, मुख्य चिकित्सा अघिकारी, देवगढखंड
जिला रसद अघिकारी उम्मेदसिंह पूनिया के नेतृत्व में प्रवर्तन निरीक्षक महेन्द्रसिंह, भीम-देवगढ के प्रवर्तन निरीक्षक हरिप्रकाश गुप्ता, खाद्य निरीक्षक विनोद थारवान, बाट माप निरीक्षक सुरेशचंद्र गुप्ता की टीम देवगढ क्षेत्र में जांच के लिए गई हुई थी। दोपहर को एक अज्ञात व्यक्ति ने सूने मकान में सिंथेटिक मावा बनने की सूचना दी। इस पर टीम ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई की।
इस दौरान वहां साबुन के कर्टन, यूरिया की डली आदि वस्तुएं देख कर तत्काल देवगढ के खंड मुख्य चिकित्सा अघिकारी डॉ. रविनंद चहल और नायब तहसीलदार सत्यनारायण को सूचना दी गई। अघिकारियों ने वहां मिठाइयां बना रहे व्यक्ति से पूछताछ की। कार्रवाई से पूर्व ही कारखाना मालिक और मिठाई निर्माता वहां से भाग छूटे।
मिठाइयां बनाते धरे गए व्यक्ति ने खुद को बासनी (जोधपुर) निवासी अनूपसिंह राजपुरोहित बताया। उसने बताया कि सिंथेटिक मावे की एक खेप पिछले दिनों भीलवाडा में बीकानेर मिठाई वाला के यहां बेची जा चुकी है। तैयार किया जा रहा साढे तीन सौ किलो सिंथेटिक मावा दीपावली से पहले ही बाजारों में बेचने की तैयारी थी।
अनूपसिंह ने पूछताछ में बताया कि यहां पिछले एक माह से सिंथेटिक मावा बनाने का कारोबार चल रहा था। इस कारखाने का उपयोग केवल त्योहारों में मिठाइयां बनाने के लिए किया जाता है। बाकी दिनों में यहां कोई भी आता-जाता नहीं है। कार्रवाई शाम करीब साढे पांच बजे शुरू हुई, जो रात तक जारी थी। टीम ने नमूने लेने के बाद मिठाई नष्ट करने का काम शुरू कर दिया।
इनका कहना हैयूरिया से तैयार सिंथेटिक दूध से बनी मिठाई का सेवन गुर्दो के लिए खतरनाक हो सकता है। बाद में गुर्दे खराब हो जाते हैं। जान भी जा सकती है।- डॉ. रविनंद चहल, मुख्य चिकित्सा अघिकारी, देवगढखंड
No comments:
Post a Comment