राजसमंद। अभी पांच महीने पहले ही तो शादी हुई थी उनकी। कस्बे के तालाब का वाडिया निवासी सुरेंद्रसिंह व उसकी पत्नीश्रीमती मंजूदेवी की गुरूवार को चालीस मील के निकट हुए सडक हादसे में दर्दनाक मौत के बाद शुक्रवार को मृतक दंपत्ती का कस्बे के खारी स्थित शमशान घाट पर एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया तो वहां बडी संख्या में उपस्थित लोगों की रूलाई फूट पडी। इस तरह की गांव में घटित पहली घटना से गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम हो गइंü।
मां हुई अचेतमृतक युवक सुरेंद्रसिंह की मां अपने लाडले के चले जाने से लगातार दहाडे मार-मार कर रोए जा रही थी इस दौरान वह कई बार मां अचेत भी हो गई।
पिता से किया वादा अधूरायुवक की पत्नी मंजूदेवी ने गुरूवार को रवाना होने से पूर्व अपने पिता से वादा किया था कि वह लौट कर ब्यावर ले जाकर उनकी बीमारी का इलाज करवाएगी, लेकिन दुर्घटना में मौत के साथ ही उसका अपने पिता से किया वादा अधूरा रह गया। दुर्घटना में मृत मंजू की बुआ की लडकी जशोदा का भी शुक्रवार को ही टाटगढ में अंतिम संस्कार किया गया।
मां हुई अचेतमृतक युवक सुरेंद्रसिंह की मां अपने लाडले के चले जाने से लगातार दहाडे मार-मार कर रोए जा रही थी इस दौरान वह कई बार मां अचेत भी हो गई।
पिता से किया वादा अधूरायुवक की पत्नी मंजूदेवी ने गुरूवार को रवाना होने से पूर्व अपने पिता से वादा किया था कि वह लौट कर ब्यावर ले जाकर उनकी बीमारी का इलाज करवाएगी, लेकिन दुर्घटना में मौत के साथ ही उसका अपने पिता से किया वादा अधूरा रह गया। दुर्घटना में मृत मंजू की बुआ की लडकी जशोदा का भी शुक्रवार को ही टाटगढ में अंतिम संस्कार किया गया।
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