राजसमंद। चार दिन तक विभिन्न स्पर्द्धाओं के सफल संचालन के बाद एक शिक्षक इतने खुश हुए कि उन्होंने अपनी ओर से सभी साथी अध्यापकों और खिलाडियों को भोज का न्योता दे डाला, लेकिन सभी के साथ भोज करने की उनकी यह तमन्ना दिल में ही रह गई और अध्यापक की समापन समारोह से एन वक्त से पहले मृत्यु हो जाने से माहौल मातम में बदल गया।
घटना शुक्रवार को यहां उपखण्ड के केलवाडा क्षेत्र में चल रही जिला स्तरीय एथलेटिक्स स्पर्द्धा के समापन समारोह से कुछ देर पहले की है। खेराण विद्यालय में नियुक्त अध्यापक सुंदरलाल असावा (45) की ड्यूटी के दौरान अचानक ह्वदय गति रूकने से मृत्यु हो गई। इस कारण न तो समापन समारोह मनाया गया न कोई उनकी ओर से दिए गए भोज में शामिल हुए। हंसी-खुशी के माहौल के बीच अचानक इस हादसे से माहौल गमगीन हो गया और सभी की आंखें भर आई। समापन समारोह की औपचारिक घोषणा के बाद सभी खिलाडी और टीमें भारी मन से गंतव्य के लिए रवाना हुए।
अचानक हुआ दर्दअध्यापक असावा स्कूल परिसर के समीप ही बैठे लोगों से चर्चा कर रहे थे। अचानक उन्होंने सीने में असहनीय दर्द की शिकायत की। इस पर स्थानीय कंपाउंडर ने जांच के बाद उन्हें तत्काल उदयपुर ले जाने की सलाह दी,लेकिन कुछ ही दूर जाने के बाद असावा की मृत्यु हो गई।
घटना शुक्रवार को यहां उपखण्ड के केलवाडा क्षेत्र में चल रही जिला स्तरीय एथलेटिक्स स्पर्द्धा के समापन समारोह से कुछ देर पहले की है। खेराण विद्यालय में नियुक्त अध्यापक सुंदरलाल असावा (45) की ड्यूटी के दौरान अचानक ह्वदय गति रूकने से मृत्यु हो गई। इस कारण न तो समापन समारोह मनाया गया न कोई उनकी ओर से दिए गए भोज में शामिल हुए। हंसी-खुशी के माहौल के बीच अचानक इस हादसे से माहौल गमगीन हो गया और सभी की आंखें भर आई। समापन समारोह की औपचारिक घोषणा के बाद सभी खिलाडी और टीमें भारी मन से गंतव्य के लिए रवाना हुए।
अचानक हुआ दर्दअध्यापक असावा स्कूल परिसर के समीप ही बैठे लोगों से चर्चा कर रहे थे। अचानक उन्होंने सीने में असहनीय दर्द की शिकायत की। इस पर स्थानीय कंपाउंडर ने जांच के बाद उन्हें तत्काल उदयपुर ले जाने की सलाह दी,लेकिन कुछ ही दूर जाने के बाद असावा की मृत्यु हो गई।
No comments:
Post a Comment