कुंवारिया। समीपवर्ती खण्डेल चौराहा बगतपुरा रोड स्थित एक खेत में विद्युत के पोल पर चढी गिलहरी के कारण हुए फॉल्ट से गिरी चिंगारियों के कारण पांच बीघा क्षेत्र में उगा चारा जल कर राख हो गया।जानकारी के अनुसार बगतपुरा रोड स्थित अशोककुमार प्रजापत के खेत में रविवार सुबह करीब दस बजे विद्युत पोल पर एक गिलहरी चढ गई। उसकी उछलकूद से तारों में हलचल होने से फॉल्ट आ गया और हल्के धमाके के साथ चिंगारियां उठने लगीं। चिंगारियां नीचे आने पर सूखे चारे में आग लग गई और देखते ही देखते आग की ऊंची लपटों ने पूरे बीडे को ही अपनी चपेट में ले लिया।
खेत से धुआं उठते देख भंवर बंजारा, भागचंद्र जाट, पूर्व सरपंच मांगीलाल जाट, हजारी कुम्हार, किशनलाल जाट व प्यारचंद्र कुमावत आदि काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच कर नीम व खाखरे की टहनियों के सहारे आग पर काबू करने में जुट गए। सूचना मिलते के बाद खण्डेल पुलिस चौकी प्रभारी शंकरलाल मीणा, रामेश्वर लाल जाट व कुंवारिया थाने से जगदीश आमेटा सहित पुलिस जाब्ता भी मौके पर पहुंचा। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन इस दौरान चारा नहीं बचाया जा सका।
हर साल लगती है आगअशोककुमार के खेत में पहले भी इसी तरह की घटनाओं से आग लगने से बहुत नुकसान हो चुका है। रविवार को लगी आग इसी स्थान पर घटी तीसरी घटना है।
आगजनी के दौरान ग्रामीणों की एकजुटता के कारण आग पर समय रहते काबू पा लिया गया। अगर आग फैलती तो आसपास के खेतों में रखा सूखा चारा व कडब आदि भी जलने का अंदेशा बना हुआ था।आग की चपेट में आने से भारी मात्रा में चारा जलने से खेत मालकिन घटू बाई का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
महिला ने कहा कि हर साल उसके खेत में ही कैसे आग लगती हैक् घर पर आठ पशु हैं, ऎसे में इस खेत का चारा ही पशुओं का सहारा था, वह भी जल कर राख हो गया। महिला ने बताया कि पशुओं को खिलाने के लिए अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा है। महिला बीपीएल परिवार से जुडी हुई है और उसके परिवार में पशुपालन के अलावा आय का कोई भी साधन नहीं है।
खेत से धुआं उठते देख भंवर बंजारा, भागचंद्र जाट, पूर्व सरपंच मांगीलाल जाट, हजारी कुम्हार, किशनलाल जाट व प्यारचंद्र कुमावत आदि काफी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच कर नीम व खाखरे की टहनियों के सहारे आग पर काबू करने में जुट गए। सूचना मिलते के बाद खण्डेल पुलिस चौकी प्रभारी शंकरलाल मीणा, रामेश्वर लाल जाट व कुंवारिया थाने से जगदीश आमेटा सहित पुलिस जाब्ता भी मौके पर पहुंचा। काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन इस दौरान चारा नहीं बचाया जा सका।
हर साल लगती है आगअशोककुमार के खेत में पहले भी इसी तरह की घटनाओं से आग लगने से बहुत नुकसान हो चुका है। रविवार को लगी आग इसी स्थान पर घटी तीसरी घटना है।
आगजनी के दौरान ग्रामीणों की एकजुटता के कारण आग पर समय रहते काबू पा लिया गया। अगर आग फैलती तो आसपास के खेतों में रखा सूखा चारा व कडब आदि भी जलने का अंदेशा बना हुआ था।आग की चपेट में आने से भारी मात्रा में चारा जलने से खेत मालकिन घटू बाई का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
महिला ने कहा कि हर साल उसके खेत में ही कैसे आग लगती हैक् घर पर आठ पशु हैं, ऎसे में इस खेत का चारा ही पशुओं का सहारा था, वह भी जल कर राख हो गया। महिला ने बताया कि पशुओं को खिलाने के लिए अब उसके पास कुछ भी नहीं बचा है। महिला बीपीएल परिवार से जुडी हुई है और उसके परिवार में पशुपालन के अलावा आय का कोई भी साधन नहीं है।
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