Monday, October 12, 2009

फाइलों में दफन विकलांग पेंशन योजना

राजसमंद। जिले में समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशनधारी विकलांगों के लिए स्वावलम्बी बनने के उद्देश्य से विकलांगों के लिए लागू की गई पेंशन एक मुश्त सहायता योजना का परिणाम ढाई साल गुजरने के बावजूद शून्य है। व्यवसाय के लिए एक मुश्त सहायता राशि प्राप्ति के स्थान पर मासिक पेंशन आजीवन समर्पित करना लाभार्थियों के लिए बहुत भारी पड गया है।
यह है योजनावर्ष 2007-08 में लागू हुई इस योजना के तहत यदि पेंशनधारी विकलांग व्यक्ति स्वावलम्बी बनने के उद्देश्य से अपना व्यवसाय शुरू करना चाहे तो उसे मासिक पेंशन के स्थान पर एक मुश्त 15 हजार रूपए सहायता राशि प्रदान की जाती है। इसके लिए पेंशनधारी को पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) कोष कार्यालय में जमा करवाना होगा। विकलांग राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। संयुक्त पेंशनधारी विकलांग दंपती को भी एक मुश्त 15 हजार रूपए देय हैं। वर्तमान में विभाग की ओर से विकलांगों को प्रतिमाह चार सौ रूपए पेंशन देय है।
किसे कहेंगे नि:शक्तऎसे व्यक्ति, जिन्हें मेडिकल बोर्ड की ओर से उनकी शारीरिक दक्षता के अनुसार 40 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अक्षम घोषित किया गया हो, वे विकलांग की श्रेणी में आते हैं।

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