Thursday, October 15, 2009

पहले डरे, फिर बोले

लावा सरदारगढ। आमेट तहसील की ओलनाखेडा ग्राम पंचायत के सारणिया खेडा में बुधवार रात लगी चौपाल में ग्रामीण महिला-पुरूष आरंभ में तो कलक्टर के सामने झिझकते व डरते रहे, लेकिन कलक्टर के बार-बार आग्रह के बाद ग्रामीणों ने समस्याएं बताना शुरू किया तो कलक्टर भी अवाक रह गए। ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं के बारे में विभिन्न विभागों के अघिकारियों के संबंध में खुल कर शिकायतें दर्ज करवाईं।
गांव के मुख्य चौराहे पर रात को चौपाल में लाल बत्ती वाली गाडी और सरकारी लवाजमा देख कर ग्रामीण कलक्टर के सामने बहुत देर तक चुप्पी साधे रहे। थोडी हंसी-ठिठोली व क्षेत्रवासियों की ठेठ देहाती अंदाज में बातचीत के बाद ग्रामीणों ने कलक्टर को 'अपना' समझा और पीडाएं सुनाना शुरू किया।
विधवा संतोषी पत्नी शंकर ने स्वयं का नाम बीपीएल सूची में शामिल नहीं करने पर पीडा व्यक्त की। इस पर उसकी माली हालत देख कर कलक्टर को भी तरस आ गया। कलक्टर ने तत्काल पटवारी को सर्वे के आधार पर संतोषी का नाम बीपीएल सूची में शामिल करने के निर्देश दिए। कलक्टर ने पटवारी को क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों में नवीं से बारहवीं कक्षा में अध्ययनरत छात्रवृत्ति के पात्र विद्यार्थियों के फार्म तैयार कर शीघ्र भिजवाने के भी निर्देश दिए। ग्रामीणों ने कलक्टर से बीपीएल परिवारों के घरों में बनाए जा रहे शौचालयों में ठेकेदार की ओर से बरती जा रही लापरवाही की शिकायत की, इस पर कलक्टर ने तत्काल प्रभाव से ठेकेदार से कार्य बंद करवाने व मामले की जांच करने के आदेश दिए।
ग्रामीणों ने मिड डे मील के वितरण में भ्रष्टाचार करने की एक स्वर में शिकायत की। इस दौरान ग्रामीणों ने सारणिया एनिकट की पाल की ऊंचाई बढाने की मांग की। कलक्टर ने आंगनवाडी कार्यकर्ताओं व एएनएम से कहा कि वे परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत अघिक से अघिक नसबंदी के केस बनवाएं।
उन्होंने कहा कि इस कार्य में शिथिलता नहीं बरती जानी चाहिए। चौपाल में अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अघिकारी हिम्मतसिंह बारहठ, मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अघिकारी डॉ. बी.एल. सिरोया, सरपंच फतहसिंह सहित विभिन्न विभागों के अघिकारी मौजूद थे।
सहकारिता की बात गोलचौपाल में सहकारिता विभाग का कोई अघिकारी-कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा, इस कारण ग्रामीणों की इस विभाग से संबंघित समस्याओं को लेकर कोई चर्चा नहीं की जा सकी।

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