राजसमंद। केलवा ग्राम पंचायत ने आबादी क्षेत्र में विधि विरूद्ध केबिन लगाने का दोषी ठहराते हुए 16 केबिन संचालकों को नोटिस दे कर तीन दिन के भीतर केबिन हटाने के आदेश दिए हैं। ग्राम पदेन सचिव हस्ताक्षरित इस नोटिस में इस कृत्य को अवैध बताया गया है। इस आदेश के कारण 16 परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।
ध्यान रहे कि पंचायत ने इस भूमि पर केबिन लगाने के बदले में केबिन संचालकों से केबिन शुल्क और विकास शुल्क के नाम पर सालाना शुल्क वसूल किया। पंचायत की ओर से वहां स्थित कुल 31 में से केवल 16 लोगों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। इन लोगों का आरोप है कि ग्राम पंचायत की ओर से की गई यह कार्रवाई एकतरफा और द्वेषपूर्ण है।
कैसे चलेगी रोजी-रोटीक्ग्राम पंचायत ने जिन लोगों के केबिन हटाने के नोटिस जारी किए हैं, उनमें से अघिकतर लोग किराणा, बाल कटिंग, चाय की थडी, बल्ब-होल्डर आदि विद्युत उपकरणों की बिक्री जैसा छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। तकरीबन सभी की उम्र चालीस के पार है, ऎसे में इस आदेश से उनके सामने मुश्किल खडी हो गई है।
कलक्टर को ज्ञापनपिछले दिनों पीडितों ने सरपंच और सचिव पर द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने केवल 16 लोगों के खिलाफ कार्रवाई को गलत बताते हुए बीस वर्षो से की जा रही शुल्क वसूली की रसीदें भी कलक्टर को सौंप दी हैं। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पहले ही रोकतेपिछले वर्ष बस स्टैण्ड पर हुई आगजनी की घटना में एक दर्जन से अघिक केबिन जल कर राख हो गए थे। उस दौरान इन लोगों ने ग्राम पंचायत प्रशासन से अनुमति लेकर फिर से केबिन लगाए थे। इसके बदले में ग्राम पंचायत प्रशासन ने सभी से राजी-राजी केबिन शुल्क भी वसूल किया था। पीडितों का कहना है कि अगर अवैध था तो उसी दौरान ग्राम पंचायत की ओर से अनुमति नहीं दी जाती तो अच्छा होता।
ध्यान रहे कि पंचायत ने इस भूमि पर केबिन लगाने के बदले में केबिन संचालकों से केबिन शुल्क और विकास शुल्क के नाम पर सालाना शुल्क वसूल किया। पंचायत की ओर से वहां स्थित कुल 31 में से केवल 16 लोगों के खिलाफ की गई इस कार्रवाई से पंचायत की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लग गया है। इन लोगों का आरोप है कि ग्राम पंचायत की ओर से की गई यह कार्रवाई एकतरफा और द्वेषपूर्ण है।
कैसे चलेगी रोजी-रोटीक्ग्राम पंचायत ने जिन लोगों के केबिन हटाने के नोटिस जारी किए हैं, उनमें से अघिकतर लोग किराणा, बाल कटिंग, चाय की थडी, बल्ब-होल्डर आदि विद्युत उपकरणों की बिक्री जैसा छोटा-मोटा व्यवसाय करते हैं। तकरीबन सभी की उम्र चालीस के पार है, ऎसे में इस आदेश से उनके सामने मुश्किल खडी हो गई है।
कलक्टर को ज्ञापनपिछले दिनों पीडितों ने सरपंच और सचिव पर द्वेषतापूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने केवल 16 लोगों के खिलाफ कार्रवाई को गलत बताते हुए बीस वर्षो से की जा रही शुल्क वसूली की रसीदें भी कलक्टर को सौंप दी हैं। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
पहले ही रोकतेपिछले वर्ष बस स्टैण्ड पर हुई आगजनी की घटना में एक दर्जन से अघिक केबिन जल कर राख हो गए थे। उस दौरान इन लोगों ने ग्राम पंचायत प्रशासन से अनुमति लेकर फिर से केबिन लगाए थे। इसके बदले में ग्राम पंचायत प्रशासन ने सभी से राजी-राजी केबिन शुल्क भी वसूल किया था। पीडितों का कहना है कि अगर अवैध था तो उसी दौरान ग्राम पंचायत की ओर से अनुमति नहीं दी जाती तो अच्छा होता।
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