Thursday, October 29, 2009

देवगढ/लसानी। राजसमंद जिले के भीम थाना क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग-8 पर चालीस मील चौराहे के पास गुरूवार शाम अज्ञात वाहन के नीचे कुचलने से मोटरसाइकिल

कुंभलगढ (राजसमंद)। अभयारण्य शब्द सुनते व वहां पहुंचते ही पर्यटक वहां जंगली-जीव जंतुओं को देखने की ख्वाहिश रखता है, लेकिन उसे वहां जंगली जीव नजर न आएं तो उसका मायूस होना स्वाभाविक ही है। इन दिनों कुंभलगढ अभयारण्य देखने आने वाले पर्यटकों को जंगली जीव देखने के लिए नहीं मिल रहे हैं। गुरूवार को जंगल सफारी करवाने वाले कुछ ड्राइवरों व पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यहां सिर्फ दुर्ग के पीछे के हिस्से का फोटो लेने व नील गाय देखने से ही संतोष करना पडा। जबकि वन विभाग की ओर से बताए गए आंकडाें पर विश्वास करें तो कुंभलगढ वन्य जीव अभयारण्य में जंगली जानवरों की भरमार है।
पर्यटकों ने कहा कि उन्हें तो यहां एक भी जंगली जानवर नहीं दिखा। यहां तक कि जंगली मुर्गा भी मुश्किल से दिख रहा है। जब कि विभाग की ओर से किए गए प्रचार में कहा गया है कि यहां पैंथर, भालू, जरख व सांभर के साथ कई प्रकार के जंगली पक्षी भारी संख्या में यहां विचरण करते हैं।
अभयारण्य में इस वक्त पानी है, इसलिए जानवर कृत्रिम वाटर टब पर पानी पीने नहीं आते। जब कि सच तो यह है कि अभयारण्य में स्थित सभी प्राकृतिक वाटर टब लगभग सूख चुके हैं। गुजरात से आए पांच सदस्यीय एक पर्यटक दल के मुखिया हितेश मेहता ने कहा कि अभयारण्य में जाकर सिर्फ समय व पैसा दोनों बिगाडे, एक भी जीव देखने को नहीं मिला।
इनका कहना है
इन दिनों अभयारण्य में पर्यटकों के अत्यघिक आने-जाने व चारों तरफ बडी-बडी घास उगने से जंगली जानवर, उसकी आड में कम दिखाई पडते है। वर्ना अभयारण्य में जंगली जानवरों की कोई कमी नहीं है।
-भंवरसिंह चौहान, क्षेत्रीय वन अघिकारी,
कुंभलगढ

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