वैष्णव नगरी में अन्नकूटोत्सव पर ब्रज संस्कृति के कई लौकिक रूप रंग दिखे। धोती-उपरना, इकलाई अंगरखी पहने ब्रजवासी ग्वाल बाल और मयूर पखों से सजी-धजी गोमाताएं, ग्वाल बालों का हीड गान और नक्कारखाने की सुमधुर स्वर लहरियों के साथ गुंजारित होती अष्टछाप कवियों की भावमय पदावलियां। गोवर्द्धन पूजा पर साक्षात सेवा की झांकी के दर्शन कर वैष्णवजन द्वापर युग में पहुंच गए। उत्सवी माहौल में नगर भर में खूब रौनक रही और सैंकडों की संख्या में धर्म नगरी पहुंचे वैष्णवों ने भी गोवर्द्धन पूजा, गो-क्रीडन तथा मध्यरात्रि में लूटे गए अन्नकूटोत्सव का खूब आनन्द लिया।
प्रसाद पाने उमडा सैलाबचारभुजा (कासं.)। गढबोर स्थित चारभुजानाथ मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व मनाया गया। अन्नकूट के दर्शन एवं लूट का महाप्रसाद पाने मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड पडा। मंदिर प्रांगण को सुबह धोकर पवित्र किया गया। दूब, आम्रपत्तों व आसापाल के पत्तों से बंधनवार बनाई गई। अन्नकूट लूट के स्थान को चहूंओर से फूलों से सजाया गया। देवस्थान की ओर से कचहरी में चावल, चंवले व छप्पन व्यंजनों की मिठाइयां बनाई गई। शाम चार बजे अन्नकूट धराने के लिए विभाग की ओर से तोप दागी गई और अन्नकूट डालने का क्रम शुरू हुआ।
इस अवसर पर भगवान चारभुजानाथ की प्रतिमा के समक्ष गरूड के सामने केलों के पत्तों पर बारी-बारी से टोपलों व छाबडों में भरकर अन्न डाला जाने लगा। एक घंटे तक अन्नकूट की सेवा धराने के बाद मंदिर चौक में अन्न का ढेर लग गया। बाद में चारभुजा की बाल प्रतिमा की आरती उतारी गई और भगवान को अन्न का भोग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। भगवान के भोग लेने के बाद पुजारियों ने अन्नकूट के ढेर की चारों ओर से गाय की बछडी से परिक्रमा कराई। करीब सवा पांच बजे मंदिर के कपाट खुले और बाहर खडे सैकडों आदिवासी किलकारियों के साथ अन्नकूट लूटने चावल के ढेर पर टूट पडे और आधे घंटे तक अन्नकूट लूटा। सामाजिक समरसता के इस अनूठे नजारे को देखने दूर-दराज के क्षेत्रों से हजारों की तादाद में श्रद्धालु उपस्थित थे। मंदिर के चारों तरफ ऊपर नीचे सैकडों लोग जमा हो गए तथा कुछ लोगों ने सर्किट टी.वी. से भी अन्नकूट लूट का दृश्य देखा। दर्शनार्थियों के लिए मंदिर प्रशासन व पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता बन्दोबस्त किए गए।
निकटवर्ती झीलवाडा स्थित चारभुजा मंदिर में भी रविवार दोपहर को अन्नकूट लूटा गया। नवयुवक मण्डल की ओर से 12 किलो मिठाई अन्नकूट पर डाली गई और करीब ढाई क्विंटल चावल का ढेर भगवान के सम्मुख लगाया गया जिसे आदिवासियों ने लूटा।कुंभलगढ, (निसं.)। उपखण्ड मुख्यालय केलवाडा मे चारभुजा के मुख्य मंदिर में अन्नकूट का आयोजन हुआ। शाम पौने सात बजे मुख्य आरती के साथ अन्नकूट महोत्सव शुरू हुआ। गरूड व ठाकुरजी के सम्मुख चावल का ढेर लगाया गया। पुजारी रूपलाल सेवक ने आरती उतारी और आदिवासियों ने परम्परानुसार मंदिर पहुंच अन्नकूट लूटा।
प्रसाद पाने उमडा सैलाबचारभुजा (कासं.)। गढबोर स्थित चारभुजानाथ मंदिर में दीपावली के दूसरे दिन अन्नकूट पर्व मनाया गया। अन्नकूट के दर्शन एवं लूट का महाप्रसाद पाने मंदिर में श्रद्धालुओं का हुजूम उमड पडा। मंदिर प्रांगण को सुबह धोकर पवित्र किया गया। दूब, आम्रपत्तों व आसापाल के पत्तों से बंधनवार बनाई गई। अन्नकूट लूट के स्थान को चहूंओर से फूलों से सजाया गया। देवस्थान की ओर से कचहरी में चावल, चंवले व छप्पन व्यंजनों की मिठाइयां बनाई गई। शाम चार बजे अन्नकूट धराने के लिए विभाग की ओर से तोप दागी गई और अन्नकूट डालने का क्रम शुरू हुआ।
इस अवसर पर भगवान चारभुजानाथ की प्रतिमा के समक्ष गरूड के सामने केलों के पत्तों पर बारी-बारी से टोपलों व छाबडों में भरकर अन्न डाला जाने लगा। एक घंटे तक अन्नकूट की सेवा धराने के बाद मंदिर चौक में अन्न का ढेर लग गया। बाद में चारभुजा की बाल प्रतिमा की आरती उतारी गई और भगवान को अन्न का भोग लेने के लिए आमंत्रित किया गया। भगवान के भोग लेने के बाद पुजारियों ने अन्नकूट के ढेर की चारों ओर से गाय की बछडी से परिक्रमा कराई। करीब सवा पांच बजे मंदिर के कपाट खुले और बाहर खडे सैकडों आदिवासी किलकारियों के साथ अन्नकूट लूटने चावल के ढेर पर टूट पडे और आधे घंटे तक अन्नकूट लूटा। सामाजिक समरसता के इस अनूठे नजारे को देखने दूर-दराज के क्षेत्रों से हजारों की तादाद में श्रद्धालु उपस्थित थे। मंदिर के चारों तरफ ऊपर नीचे सैकडों लोग जमा हो गए तथा कुछ लोगों ने सर्किट टी.वी. से भी अन्नकूट लूट का दृश्य देखा। दर्शनार्थियों के लिए मंदिर प्रशासन व पुलिस की ओर से सुरक्षा के पुख्ता बन्दोबस्त किए गए।
निकटवर्ती झीलवाडा स्थित चारभुजा मंदिर में भी रविवार दोपहर को अन्नकूट लूटा गया। नवयुवक मण्डल की ओर से 12 किलो मिठाई अन्नकूट पर डाली गई और करीब ढाई क्विंटल चावल का ढेर भगवान के सम्मुख लगाया गया जिसे आदिवासियों ने लूटा।कुंभलगढ, (निसं.)। उपखण्ड मुख्यालय केलवाडा मे चारभुजा के मुख्य मंदिर में अन्नकूट का आयोजन हुआ। शाम पौने सात बजे मुख्य आरती के साथ अन्नकूट महोत्सव शुरू हुआ। गरूड व ठाकुरजी के सम्मुख चावल का ढेर लगाया गया। पुजारी रूपलाल सेवक ने आरती उतारी और आदिवासियों ने परम्परानुसार मंदिर पहुंच अन्नकूट लूटा।
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