राजसमंद। उदयपुर संभाग स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के करीब डेढ सौ से अघिक पेट्रोल पंपों पर आगामी दिनों में तेल आपूर्ति कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है। जयपुर के इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के टर्मिनल में आग से पेट्रो उत्पाद जलने के बाद यह स्थिति उत्पन्न हो सकती है।दरअसल जयपुर आईओसीएल के टर्मिनल से जयपुर व भरतपुर संभाग के पेट्रोल-डीजल पंपों पर पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति की जाती थी। अब यह आपूर्ति ठप हो गई है।
तेल को लेकर हालात सामान्य होने में करीब एक साल का समय लग सकता है। ऎसे में जयपुर और भरतपुर संभागों के पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति के लिए आईओसीएल चित्तौड स्थित स्वयं के टर्मिनल और कोटा स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के टर्मिनल से पेट्रो उत्पाद लेने की योजना बना रहा है। उल्लेखनीय है कि दोनों ही टर्मिनल कांडला-बठिंडा पाइपलाइन से जुडे हुए हैं। चित्तौड स्थित आईओसीएल के टर्मिनल से तेल लेने की अघिक संभावना है। ऎसे में उदयपुर संभाग के कंपनी के पेट्रोल पंपों की आपूर्ति गडबडा सकती है।दो थे टर्मिनलराज्य में आईओसीएल के दो बडे टर्मिनल थे। इनमें से एक जयपुर के सीतापुरा व दूसरा जोधपुर में हैं। सीतापुरा टर्मिनल में आग के कारण अब जयपुर और भरतपुर संभाग में आपूर्ति के लिए निगम के पास चित्तौड स्थित स्वयं के टर्मिनल और कोटा स्थित एचपीसीएल के टर्मिनल से पेट्रो उत्पाद भेजने के विकल्पों के अलावा जोधपुर स्थित टर्मिनल और अजमेर भी मौजूद हैं। इनसे आसजोधपुर में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और एचपीसीएल को इंडियन ऑयल की ओर से पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति (पीएलटी बेसिस पर) की जाती है, ऎसे में जयपुर को राजधानी के ही बीपीसीएल और एचपीसीएल के टर्मिनलों से भी पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।ऎसे पडेगा असरअगर अघिक चित्तौड स्थित डिपो से आपूर्ति की जाती है तो उदयपुर संभाग स्थित आईओसीएल के करीब 150 से अघिक पंपों पर तेल की आपूर्ति समय पर नहीं हो पाएगी। अगर एक पेट्रोल पंप पर रोजाना तीन या चार टैंक लॉरी आपूर्ति होती है तो इसमें से दो या खास परिस्थितियों में अघिकतम तीन की ही (मांग के आधार पर) आपूर्ति हो पाएगी।इनका कहना हैचित्तौड टर्मिनल से जयपुर पेट्रो उत्पाद भेजने की स्थिति में उदयपुर संभाग में समय पर पेट्रो उत्पाद पहुंचना थोडा मुश्किल होगा।प्रेमप्रकाश गोयल, आईओसीएल पंप मालिक, उदयपुर.चित्तौड, अजमेर, भरतपुर, रेवाडी आदि स्थानों से व्यवस्था कर रहे हैं। जयपुर सहित राज्य के अन्य स्थानों पर भी आपूर्ति में कोई उल्लेखनीय असर नहीं आने देंगे। तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। -गौतम बोस, महाप्रबंधक, आईओसीएल, जयपुर.
तेल को लेकर हालात सामान्य होने में करीब एक साल का समय लग सकता है। ऎसे में जयपुर और भरतपुर संभागों के पेट्रोल पंपों पर आपूर्ति के लिए आईओसीएल चित्तौड स्थित स्वयं के टर्मिनल और कोटा स्थित हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) के टर्मिनल से पेट्रो उत्पाद लेने की योजना बना रहा है। उल्लेखनीय है कि दोनों ही टर्मिनल कांडला-बठिंडा पाइपलाइन से जुडे हुए हैं। चित्तौड स्थित आईओसीएल के टर्मिनल से तेल लेने की अघिक संभावना है। ऎसे में उदयपुर संभाग के कंपनी के पेट्रोल पंपों की आपूर्ति गडबडा सकती है।दो थे टर्मिनलराज्य में आईओसीएल के दो बडे टर्मिनल थे। इनमें से एक जयपुर के सीतापुरा व दूसरा जोधपुर में हैं। सीतापुरा टर्मिनल में आग के कारण अब जयपुर और भरतपुर संभाग में आपूर्ति के लिए निगम के पास चित्तौड स्थित स्वयं के टर्मिनल और कोटा स्थित एचपीसीएल के टर्मिनल से पेट्रो उत्पाद भेजने के विकल्पों के अलावा जोधपुर स्थित टर्मिनल और अजमेर भी मौजूद हैं। इनसे आसजोधपुर में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और एचपीसीएल को इंडियन ऑयल की ओर से पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति (पीएलटी बेसिस पर) की जाती है, ऎसे में जयपुर को राजधानी के ही बीपीसीएल और एचपीसीएल के टर्मिनलों से भी पेट्रो उत्पादों की आपूर्ति के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।ऎसे पडेगा असरअगर अघिक चित्तौड स्थित डिपो से आपूर्ति की जाती है तो उदयपुर संभाग स्थित आईओसीएल के करीब 150 से अघिक पंपों पर तेल की आपूर्ति समय पर नहीं हो पाएगी। अगर एक पेट्रोल पंप पर रोजाना तीन या चार टैंक लॉरी आपूर्ति होती है तो इसमें से दो या खास परिस्थितियों में अघिकतम तीन की ही (मांग के आधार पर) आपूर्ति हो पाएगी।इनका कहना हैचित्तौड टर्मिनल से जयपुर पेट्रो उत्पाद भेजने की स्थिति में उदयपुर संभाग में समय पर पेट्रो उत्पाद पहुंचना थोडा मुश्किल होगा।प्रेमप्रकाश गोयल, आईओसीएल पंप मालिक, उदयपुर.चित्तौड, अजमेर, भरतपुर, रेवाडी आदि स्थानों से व्यवस्था कर रहे हैं। जयपुर सहित राज्य के अन्य स्थानों पर भी आपूर्ति में कोई उल्लेखनीय असर नहीं आने देंगे। तमाम व्यवस्थाएं की जा रही हैं। -गौतम बोस, महाप्रबंधक, आईओसीएल, जयपुर.
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