राजसमन्द.। काम से सभी संतुष्ठ, किसी को कोई गिला-शिकवा नहीं, कोई सोच भी नहीं सकता था कि कर्म को ही ईश्वर समझने वाले और प्रत्येक अधिकारी, कर्मचारी और आमजन के चहेते अतिरिक्त जिला कलक्टर टी.सी. बोहरा का राज्य सरकार मात्र दस माह में ही राजसमंद जिले से तबादला कर देगी। बोहरा के तबादले की खबर से न केवल अधिकारी-कर्मचारी अपितु आमजन भी हतप्रभ रह गया। राज्य सरकार की ओर से दीपावली के एक दिन पूर्व राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का तबादला किया जिसमें अतिरिक्त जिला कलक्टर टी.सी. बोहरा को डंूगरपुर के लिए स्थानांतरित कर दिया। बोहरा के स्थानांतरण की खबर मिलते ही अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ प्रत्येक दल के जनप्रतिनिधि एवं आमजन को भी दीपावली के पावन पर्व पर काफी धक्का लगा। बोहरा राजसमंद जिले में इससे पहले उपखण्ड मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला कलक्टर के पद पर कार्य कर चुके तथा इस वर्ष एक जनवरी को उन्होंने राजसमंद जिले में तीसरी बार सेवाएं दी। बोहरा के जनवरी माह में कार्यभार पुन: ग्रहण करने के बाद उनकी कार्यशैली पूर्व कार्यकाल से काफी भिन्न रही। इस बार वह प्रत्येक कर्मचारी से आत्मीय सम्बन्ध रखते थे तो प्रशासनिक कार्यो में भी कोई कोताही नहीं बरती। लोकसभा के चुनाव के दौरान उनके पूर्व के अनुभव और प्रशासनिक पकड से चुनाव सहजता से हो गए। इसके अलावा जिला कलक्टर राजसमंद के करीब दो माह तक प्रशिक्षण में जाने के दौरान उन्होंने कार्यवाहक जिला कलक्टर की भूमिका बखूबी निभाते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन में अपनी अनूठी छाप छोडी। राजसमंद झील संरक्षण अभियान के तहत उनके द्वारा किए कार्य भी जिले की जनता के लिए अविस्मरणीय रहेगे। इस दौरान उन्होंने मार्बल उद्यमियों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति सचेत किया वही जरूरत पडने पर झील संरक्षण में बाधक बनने वाले पहुंच वाले व्यवसायियों को चेतावनी देने से भी नहीं चूके। वहीं प्रतिदिन झील की सफाई के लिए बोहरा स्वयं भी श्रमदान कर आमजन को झील संरक्षण के लिए सबक दिया। स्थानीय लोगों के लब्बोलुआब पर यही है कि बोहरा की दस माह की उपलब्धि काफी अच्छी रही। राज्य सरकार उन्हें पारितोषिक नहीं दे सकती थी तो न सही पर उन्हें जिले से तो नहीं हटाती।
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