Sunday, October 25, 2009

करीब छह लाख गांवों व पन्द्रह लाख किलोमीटर दूरी की यात्रा

राजसमंद। गाय एक ऎसा प्राणी है, जो सूर्य की किरणों को अवशोषित कर दूध में स्वर्ण के गुण उत्पन्न करती है और श्वांस के माध्यम से ऑक्सीजन का उत्सर्जन करती है। आज पूरी दुनिया भारतीय गोवंश का महत्व जानने लगी है। इसी उद्देश्य को लेकर देश के करीब छह लाख गांवों व पन्द्रह लाख किलोमीटर दूरी की यात्रा के माध्यम से गाय को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करवाने की मांग की जाएगी।
यह बात विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के प्रांतीय सचिव गोविंदसिंह टांक ने कही। वे रविवार को यहां पत्रकार वार्ता में पत्रकारों के सवालों के जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि आद्य शंकराचार्य की ओर से स्थापित गोकर्णपीठ के शंकराचार्य राधेश्वर भारती स्वामी की दिव्य संकल्पना, आचार्य विद्यासागर, आचार्य महाप्रज्ञ, आचार्य विजयरत्न सुंदर सूरीश्वर, योग गुरू बाबा रामदेव, रविशंकर महाराज, अमृतानंदमयी अम्मा, दयानंद सरस्वती व प्रवर्तक डॉ. प्रणव पण्ड्या की योजना और निवतृमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि, संत मोरारी बापू व संत आसाराम बापू और साध्वी ऋतंभरा आदि संतों के सान्निध्य में गो रक्षा के लिए महाअभियान चलाया जा रहा है।
टांक ने बताया कि यह अभियान मकर संक्रांति तक कुल 108 दिनों में देश के हर गांव-कस्बे में गोवंश को राष्ट्रीय प्राणी घोषित कराने के लिए जन आंदोलन खडा करेगा। जिलाध्यक्ष श्यामसिंह शक्तावत ने बताया कि देश भर से करोडों हस्ताक्षरयुक्त ज्ञापन तैयार कर राष्ट्रपति को दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस यात्रा की 1500 उप यात्राएं होंगी। मुख्य यात्रा 30 दिसम्बर को कोटा में रात्रि विश्राम के बाद 31 दिसम्बर को भीलवाडा पहुंचेगी और 1 जनवरी 2010 को राजसमंद होते हुए उदयपुर पहुंचेगी।

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