Wednesday, October 21, 2009

सृष्टिदायिनी सम्मान- जतन संस्थान की अनूठी पहल- डॉ. मीतासिंह

राजसमंद। मेरी बेटी बेटे जैसी नहीं मेरी बेटी मेरा गौरव कहकर बेटियों के सम्मान को बढाना होगा ताकि समाज में उनकी गरिमा पुन: स्थापित की जा सकें ।
बेटियों की माताओं को सम्मान देने की प्रक्रिया बडे मंच पर जारी रखनी होगी ताकि फिजां बदल सकें और बेटी का मां होना गर्व की बात बनें। यह विचार गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व लिंग जांच निदान तकनीक अधिनियम की राय सलाहकार की मानद सदस्या एवं जानी-मानी महिला विकास सामाजिक कार्र्यकत्ता डॉ. मीता ने व्यक्त किए। वे यहा जतन संस्थान द्वारा बेटियों की मां के लिए आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रही थी। कार्यक्रम में जयपुर से आमेर एयूकेशनल ट्रस्ट की महासचिव डॉ. रश्मि भी मौजूद थी। उन्होने सम्मान में उपस्थित सभी बालिकाओं को 10-10 रूपये की राशि इनाम के रूप में बांटते हुऐ आने वाले समय में 10 लाख तक करने का आह्वान करते हुऐ समारोह में जोश भर दिया। पी.सी.पी. एन.डी.टी. जिला सेल के समन्वयक हेमन्तनाथ चौहान ने इस सम्बन्ध में बने कानूनों की जानकारी दी और डाक्टरों द्वारा किये जा रहे गैर कानूनी गर्भ समापन को रोकने के लिए जन सहभागिता की आवश्यकता पर जोर दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुऐ वरिष्ठ समन्वयक रोहिताश्व कु मार ने इस राह में प्रयासों को नियमित रूप से जारी रखने का आश्वासन दिया और कहा कि संस्था सदैव ऐसे दम्पति के प्रति अपना सम्मान व्यक्त करने को आतुर है जिन्हे बालिकाओं का माता-पिता होने पर गर्व हैं। संस्था के कार्यक्रम प्रभारी बेटियों क ी बातें परियोजना के तहत चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी देते हुऐ धन्यवाद ज्ञापन किया। समारोह में समरवीर सिह, पिंकी, मंजू, प्रशान्त, घनश्याम, भावना, पुष्कर, गंगा, महाल उपस्थित थे।

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