Saturday, October 31, 2009

हादसों की आशंका

गिलूण्ड। सडके पहले से ही गड्ढों से बदहाल, उस पर दोनों ओर कंटीली झाडियां हों तो हादसों की आशंका स्वत: ही दिखाई देती है। यही हाल गिलूण्ड से रेलमगरा और गिलूण्ड से कपासन मार्गो का है। क्षेत्र की सडकें अब नाम मात्र की रह गई हैं। दस फीट से भी कम चौडाई वाली इन सडकों पर दिन भर में दर्जनों भारी वाहन गुजरते हैं। अति व्यस्त रहने वाले इन मार्गो की सुध लेने की चिंता न तो सार्वजनिक निर्माण विभाग को है और न सडक पर बेरोकटोक वाहन पार्किग रोकने के लिए किसी का पहरा ही है।
सडक के दोनों किनारों पर कंटीली झाडिया उगने से सामने से आने वाले वाहनों का अंदाजा भी नहीं लग पाता। ऎसे में यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड रहा है। गिलूण्ड से मातृकुण्डिया तक बने सडक मार्ग पर भी कंटीली झाडियों का पहरा होने से हादसे की संभावनाएं बनी रहती हैं। सडको के दोनों किनारों पर बनी क“ाी पटरियों की मिट्टी बारिश के दिनों में बह जाने से सडकों के किनारों पर भी गहरे गड्ढे पड गए हैं, जिससे दुपहिया वाहन फिसल जाते हैं। - अतिक्रमण की शिकारक्षेत्र की सडकों को सकडा करने में अतिक्रमणकारियों ने कोई कसर नहीं छोडी है। दोनों छोर पर खेत के मालिक नई बाड लगा कर अतिक्रमण कर रहे हैं। खेतों की पुरानी बाड सडक मार्ग से बहुत दूर होने के बाद प्रत्येक फसल से पूर्व बाड को सडकों की ओर लाकर बेधडक अतिक्रमण करने में कोई हिचकिचाहट नहीं हो रही है। कई जगहों पर तो खेतों की बाड सडकों को छू रही है। सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से अब तक इनके विरूद्ध कोई कार्रवाई नहीं करने से अतिक्रमणकारियों के हौसले तो बुलंद हो रहे हैं। साथ ही इन्हें देख कर अन्य लोगों को भी अतिक्रमण करने की प्रेरणा मिल रही है। कई जगहों पर खेतों के मालिकों ने खेतों की बाड के बाहर सडक वाले भाग पर कई तरह की अन्य झाडियों को रोपने का भी क्रम बना रखा है जिससे प्रति वर्ष बाड निकाल कर इन झाडियों के आगे लगाने का क्रम बना हुआ है।-नहीं मिल सकती साइडसिकुडते सडक मार्ग पर दो वाहनों का आपस में गुजरना असंभव सा बनता जा रहा है। सामने से आते वाहन को देख कर खाली जगह पर वाहन खडा कर वाहन गुजरने का इंतजार करना भी वाहन चालकों की मजबूरी बन गया है। सडक पर कई जगहों पर विकट मोड होने से ये कंटीली झाडियां सामने से आने वाले वाहनों को देखने में भी बाधक बनी हुई हैं। -चौडी हों सडकें तो मिले राहतकस्बे से कपासन और रेलमगरा की ओर बनी सडकें दस फीट से भी कम चौडी हैं। इन पर वाहनों की आवाजाही विगत वर्षो में अत्यघिक बढने से सडकें व्यस्त रहने लगी हैं। वाहनों की बढती आवाजाही को सुविधाजनक व सुरक्षित बनाने के लिए सडकें चौडी करना आवश्यक है।

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