कुंभलगढ। क्षेत्र के मजेरा गांव में लगभग पौन शताब्दी पूर्व संवत् 1998 में बने मन्दिर का पुन: जीर्णोद्धार का कार्य जैन संतों के सान्निध्य में बुधवार को सुबह शुरू हुआ। इस अवसर पर हिंगड परिवार की ओर से स्वामी वात्सल्य का आयोजन किया गया। जैन समाज से मिली जानकारी के मुताबिक लगभग सत्तर वर्षों से शांतिनाथ भगवान के मंदिर पर ध्वजा चढाने का लाभ लेने वाले फौजमल हिंगड परिवार ने बुधवार को इस मंदिर के शिखर से जीर्णोद्धार के कारण उनकी ओर से चढने वाली ध्वजा पुन: उतारी और कलश व ध्वजा दंड भी उतार कर जीर्णोद्धार की शुरूआत की गई। इस अवसर पर गांव के लगभग 150 मुम्बई प्रवासी गणमान्य नागरिक मंगलवार व बुधवार को यहां पहुंचे थे।
ध्वजा, कलश व ध्वजा दण्ड उतारने जैसे आध्यात्मिक कार्य के लिए जैन संत मेवाड दीपक प्रन्यास प्रवर रत्नाकर विजय जी महाराज व प्रन्यास प्रवर विद्यानन्द विजय जी और प्रन्यास प्रवर सूर्य विजयजी महाराज के मंत्रोच्चार के बीच यह कार्य संपन्न हुआ। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष चन्दनमल सिंघवी, महेन्द्र कोठारी, मोहनलाल कोठारी, मोहनलाल मेहता, पुखराज हिंगड, विनोद हिंगड, सुरेश सिंघवी, कुसुम प्रकाश सिंघवी, मांगीलाल मेहता सहित कई जैन धर्मावलम्बी व ग्रामीण मौजूद थे।
ध्वजा, कलश व ध्वजा दण्ड उतारने जैसे आध्यात्मिक कार्य के लिए जैन संत मेवाड दीपक प्रन्यास प्रवर रत्नाकर विजय जी महाराज व प्रन्यास प्रवर विद्यानन्द विजय जी और प्रन्यास प्रवर सूर्य विजयजी महाराज के मंत्रोच्चार के बीच यह कार्य संपन्न हुआ। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष चन्दनमल सिंघवी, महेन्द्र कोठारी, मोहनलाल कोठारी, मोहनलाल मेहता, पुखराज हिंगड, विनोद हिंगड, सुरेश सिंघवी, कुसुम प्रकाश सिंघवी, मांगीलाल मेहता सहित कई जैन धर्मावलम्बी व ग्रामीण मौजूद थे।
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