Sunday, November 1, 2009

उमडा सैलानियों का सैलाब

कुंभलगढ। अरावली की वादियों में स्थित कुंभलगढ दुर्ग पर रविवार को देसी-विदेशी सैलानियों की खासी रेलमपेल रही। वाहनों की इतनी रेलमपेल रही कि दुर्ग स्थित वाहन पार्किग स्थल भी छोटा पड गया और दोपहर तक पार्किग में गाडियां खडी करने की भी जगह भी नहीं मिली। वन विभाग के अघिकारियों का कहना है कि अभयारण्य में एक दिन की लगभग बीस-बीस गाडियां वन भ्रमण पर जा रही हैं।
देशी विदेशी सैलानियों के भ्रमण के लिए कुछ समय पहले तक क्षेत्र में जहां सिर्फ जीपें मिलती थी, वहीं आज बडी कम्पनियों के आरामदेह वाहन उपलब्ध हैं। फ्रांस के पेरिस शहर से आई के्रस्टिनों ने बताया कि यह दुर्ग स्थापत्य कला का एक बेजोड उदाहरण है। वहीं दुर्ग परिसर में मौजूद स्मारक इसकी प्राचीन भव्यता दर्शाते हुए इतिहास की कहानी बयां कर रहे हैं। पर्यटक दुर्ग देखने के बाद परशुराम महादेव, वीरों का मठ, चारभुजानाथ, रोकडिया हनुमान सहित क्षेत्र के कई दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कर रहे हैं।
धर्मनगरी में श्रद्धालुओं का रेला
नाथद्वारा। दीपावली से शुरू हुआ गुजरात व महाराष्ट्र के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला अब तक जारी है और रविवार को यह चरम पर दिखा। न होटलों में जगह और न ही धर्मशालाओं व गेस्ट हाउसों में कमरे खाली हैं। भारी वैष्णव सैलाब के मद्देनजर नगर के बाजारों में भी खरीदारों की रौनक बनी रही।
सुबह चौपाटी की रौनक गुलजार रही तो शाम से देर रात तक माणक चौक में चटपटे व्यंजनों का आनंद लेने वालों का भारी हुजूम रहा। भीड का ऎसा ही आलम नगर के गुजराती व पंजाबी भोजनालयों पर दिखाई दिया, जहां वैष्णव जन पंक्ति बना कर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए। पांच से ग्यारह वैष्णवों के इस त्योहारी सीजन में नगर के व्यापारियों के चेहरे खिले रहे। सुबह पांच से लेकर रात को ग्यारह बजे तक व्यापारियों की दुकानों पर खरीदारों की रौनक बनी रही।

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