गिलूण्ड। कार्तिक पूर्णिमा पर समीपवर्ती तीर्थ स्थल मातृ कुण्डिया में सोमवार को श्रद्धालुओं का ज्वार उमड पडा। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने स्नान कर खूब दान पुण्य किया। सुबह महामंगलेश्वर महादेव मंदिर में मंगला आरती के बाद शुरू हुए एक दिवसीय मेले में रविवार से ही मेलार्थियों का आगमन शुरू हो गया था।
सूर्य की पहली रश्मि के साथ ही कार्तिक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के पवित्र परशुराम कुण्ड के बद्री विशाल, विश्वकर्मा, मंगलेश्वर महादेव, नारायण, परशुराम आदि घाटों पर डुबकी लगाने के साथ ही पूरा क्षेत्र जयघोष से गुंजायमान हो उठा। इसके बाद कुण्ड के सभी घाटों पर तिल धरने तक को जगह नहीं बची। श्रद्धालुओं ने कुंड में पवित्र स्नान कर मंगलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की और अन्न, घास, कपडे, नकदी आदि दान किए।
कार्तिक स्नान करने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने यहां के परशुराम कुण्ड में सण की बने जहाज तैरा कर भी पुण्य कमाया। रंगबिरंगे वस्त्रों से सुसçज्ात महिलाओं ने मधुर गीताें की स्वर लहरियों के बीच हल्दी मिश्रित आटे के दीपक बना कर इन जहाजों में धरे, जिन्हें पानी में तैराया गया।
दिन भर चले इस क्रम में एक लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने तीर्थ स्थली में स्नान, देव दर्शन आदि कर पुण्य कमाया। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस के जवानों सहित महिला पुलिसकर्मी भी तैनात थे।
सूर्य की पहली रश्मि के साथ ही कार्तिक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के पवित्र परशुराम कुण्ड के बद्री विशाल, विश्वकर्मा, मंगलेश्वर महादेव, नारायण, परशुराम आदि घाटों पर डुबकी लगाने के साथ ही पूरा क्षेत्र जयघोष से गुंजायमान हो उठा। इसके बाद कुण्ड के सभी घाटों पर तिल धरने तक को जगह नहीं बची। श्रद्धालुओं ने कुंड में पवित्र स्नान कर मंगलेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन कर पूजा अर्चना की और अन्न, घास, कपडे, नकदी आदि दान किए।
कार्तिक स्नान करने वाले हजारों श्रद्धालुओं ने यहां के परशुराम कुण्ड में सण की बने जहाज तैरा कर भी पुण्य कमाया। रंगबिरंगे वस्त्रों से सुसçज्ात महिलाओं ने मधुर गीताें की स्वर लहरियों के बीच हल्दी मिश्रित आटे के दीपक बना कर इन जहाजों में धरे, जिन्हें पानी में तैराया गया।
दिन भर चले इस क्रम में एक लाख से भी ज्यादा श्रद्धालुओं ने तीर्थ स्थली में स्नान, देव दर्शन आदि कर पुण्य कमाया। यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस के जवानों सहित महिला पुलिसकर्मी भी तैनात थे।
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