राजसमन्द। एक-दूजे के साथ जीने मरने की कसम खाने वाले इस प्रेमी जोड़े को आशंका थी कि उनका परिवार उनके प्यार को स्वीकार नहीं करेगा तो वह कैसे जी पाएंगे। अलग होने के इसी संदेह के चलते उन्होंने मौत को गले लगाना उचित समझा और एक साथ एक ही पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। यह वाकया है कि राजसमंद जिले के भीम थानान्तर्गत नंदावट गांव के आम्बा का वाडिया का जहां शनिवार रात को सहपाठी प्रेमी युगल ने गांव के एक पेड़ से रस्सी द्वारा फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। सुबह सूचना मिलने पर भीम थानाधिकारी दयाराम फडोदा व पुलिस मौके पर पहुंचा और आम्बा का वाडिया मेें आम के पेड़ से फांसी पर लटके धनराज (20) पुत्र नैनू सिंह और चंचल (20) पुत्री मिट्ठू सिंह के शव कब्जे में लिए। पुलिस ने पोस्टमार्टम के उपरांत शव परिजनों को सौंप दिए। थानाधिकारी दयाराम फडोदा ने बताया कि चंचल और धनराज राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीम में कक्षा 12 में अध्ययनरत थे। दोनों के बीच लम्बे समय से प्रेम सम्बन्ध चल रहा था। परिवार को खबर ही नहीं : चंचल व धनराज के विद्यालय में साथ-साथ पढऩे के अलावा उनके बीच प्रेम सम्बन्ध है इस बात की दोनों के परिवार में किसी को भी जानकारी नहीं थी। सुबह जब परिजनों को दोनों के फांसी लगाने की जानकारी मिली तो उनके मुंह से यही शब्द निकले की जानकारी होती तो शादी भी करवा देते। रात 12 बजे बाद की आत्महत्या : स्थानीय लोगों ने बताया कि आम्बा का वाडिया में एक व्यक्ति के बीमार होने की वजह से लोग करीब 12 बजे तक जाग रहे थे। इनमें धनराज भी शामिल था। करीब सवा 12 बजे बाद वह अपने घर के लिए निकला। संभवत: वह घर नहीं जाकर पास की एक पहाड़ी की ओट में बैठकर चंचल को बुलवाया और उसके बाद दोनों ने यह कदम उठाया। वहीं चंचल के परिजनों के अनुसार रात साढ़े दस बजे उसके पिता जब घर आए तो चंचल ने खाना खिलाया था। उलटे पैर भागे बच्चे : आम्बा का वाडिया गांव में जिस स्थान पर चंचल व धनराज ने फांसी लगाई सुबह वहां छोटे बच्चे शौच के लिए गए। जब उन्होंने पेड़ से कुछ लटकता देखा तो वह उलटे पैर गांव की ओर भागे और स्थानीय लोगों को जानकारी दी।
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