Monday, November 23, 2009

अवैध गर्भपात पर दर्ज होगा मुकदमा

राजसमंद। यदि कोई विभागीय कर्मचारी अथवा अन्य संबंधित व्यक्ति असुरक्षित प्रसव व अवैध गर्भपात में लिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यह बात मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मोहन देवडा ने कही। वे सोमवार को पीसीपीएनडीटी जिला सलाहकार समिति की बैठक में संबोधित कर रहे थे। डा. देवडा ने कहा कि सुरक्षित प्रसव व गर्भपात के लिए मान्यता प्राप्त सरकारी व निजी चिकित्यालयों में ही सेवाएं लेने के प्रति लोगों मे रूझान बढाने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएंगे।
पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों से गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 का प्रभावी तरीके से पालन करवाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। बैठक में निर्णय किया गया कि लिंग परीक्षण रोकने के लिए मौजूद पीसीपीएनडीटी कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सलाहकार समिति प्रत्येक महाअधिनियम के तहत पंजीकृत संस्थाओं कानिरीक्षण करने के साथ ही रिकार्ड आदि की जांच करेगी।
जिले में अधिनियम के तहत पंजीकृत चिकित्सा संस्थानों की नियमित रूप से सोनोग्राफी फॉर्म एफ की ऑनलाइन डाटा एंट्री करवाई जाएगी। जिला प्रजनन व शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डा. तरूण चौधरी ने बताया कि जिले में अधिनियम के तहत आगामी माह मे कार्यशाला का आयोजन कर स्वयंसेवी संस्थाओं, युवा संगठनों, विभिन्न विभागों व उच्च शिक्षा संस्थानों आदि के प्रतिनिधियों को गर्भधारण पूर्व व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम के बारे में जानकारी प्रदान की जाएगी।

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