राजसमंद। करीब बत्तीस लाख रूपए मूल्य के तांबे से भरा ट्रक लूटने के आरोपी के गिरोह ने उदयपुर व कपासन में भी चोरियां की थीं। यही नहीं, यह गिरोह पुलिस की आंख में धूल झोंकने के लिए नई बोलेरो गाडी पर चुम्बक से चिपकने वाली लाल -नीली बत्तियों का भी खुलेआम इस्तेमाल करता था। बहुचर्चित तांबा लूट प्रकरण में पकडे गए आरोपी खलील पुत्र नजर मोहम्मद निवासी मदापुर हरियाणा से पूछताछ में यह खुलासा हुआ है।
पुलिस के अनुसार 9 अगस्त को 32 लाख रूपए मूल्य का तांबा भर कर जयपुर गोल्डन का एक ट्रक सेलवासा (गुजरात) से रवाना हुआ था। इस गिरोह के सदस्यों ने उस पर वहीं से नजर रखना शुरू कर दिया था और बोलेरो में सवार होकर लोग पीछे हो लिए। माल ज्यादा होने के कारण गिरोह के सदस्यों ने अहमदाबाद पहुंचने पर इस गिरोह के सदस्यों ने दिल्ली में अपने अन्य सदस्यों को लूट के लिए बुलाया। अगले दिन 10 अगस्त को चालक व खलासी राजसमंद के देवगढ में पहुंचे, जहां एक होटल पर रूक कर खाना खाने लगे। इस पर गिरोह के सदस्य भी पास के ही एक होटल में खाना खाने के लिए बैठ गए। यहां से उन्होंने दिल्ली वाले साथियों से संपर्क साधा तो उन्होंने अजमेर तक पहुंचने की बात बताई। इसके बाद ट्रक चालक व खलासी ट्रक लेकर रवाना हुए तो गिरोह के सदस्य भी उनके पीछे हो लिए।
लगाई नीली बत्ती, बने अघिकारीराजनगर पुलिस लाइन के पास पहुंचने पर गिरोह के दोनों दल मिल गए। इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने बोलेरो पर नीली बत्ती लगाई और गाडी ट्रक के आगे ले जाकर खडी कर दी। गिरोह के सदस्यों ने चालक व खलासी से ट्रक के दस्तावेज और लाइसेंस दिखाने की मांग की। ड्राइवर व खलासी दस्तावेज लेने के लिए जाने लगे, लेकिन गिरोह के सदस्यों ने उन्हें बोलेरो में बैठा लिया व थाने चलने के लिए कहा और ट्रक खुद ही चलाने लगे।
गाडी कहीं, चालक कहींराजनगर पुलिस लाइन के पास से अगवा किया गया ट्रक लेकर तांबा लूटने के बाद गिरोह के सदस्यों ने ट्रक चालक और खलासी को वाराणसी में ले जाकर और ट्रक मथुरा में लावारिस हालत में
पुलिस के अनुसार 9 अगस्त को 32 लाख रूपए मूल्य का तांबा भर कर जयपुर गोल्डन का एक ट्रक सेलवासा (गुजरात) से रवाना हुआ था। इस गिरोह के सदस्यों ने उस पर वहीं से नजर रखना शुरू कर दिया था और बोलेरो में सवार होकर लोग पीछे हो लिए। माल ज्यादा होने के कारण गिरोह के सदस्यों ने अहमदाबाद पहुंचने पर इस गिरोह के सदस्यों ने दिल्ली में अपने अन्य सदस्यों को लूट के लिए बुलाया। अगले दिन 10 अगस्त को चालक व खलासी राजसमंद के देवगढ में पहुंचे, जहां एक होटल पर रूक कर खाना खाने लगे। इस पर गिरोह के सदस्य भी पास के ही एक होटल में खाना खाने के लिए बैठ गए। यहां से उन्होंने दिल्ली वाले साथियों से संपर्क साधा तो उन्होंने अजमेर तक पहुंचने की बात बताई। इसके बाद ट्रक चालक व खलासी ट्रक लेकर रवाना हुए तो गिरोह के सदस्य भी उनके पीछे हो लिए।
लगाई नीली बत्ती, बने अघिकारीराजनगर पुलिस लाइन के पास पहुंचने पर गिरोह के दोनों दल मिल गए। इसके बाद गिरोह के सदस्यों ने बोलेरो पर नीली बत्ती लगाई और गाडी ट्रक के आगे ले जाकर खडी कर दी। गिरोह के सदस्यों ने चालक व खलासी से ट्रक के दस्तावेज और लाइसेंस दिखाने की मांग की। ड्राइवर व खलासी दस्तावेज लेने के लिए जाने लगे, लेकिन गिरोह के सदस्यों ने उन्हें बोलेरो में बैठा लिया व थाने चलने के लिए कहा और ट्रक खुद ही चलाने लगे।
गाडी कहीं, चालक कहींराजनगर पुलिस लाइन के पास से अगवा किया गया ट्रक लेकर तांबा लूटने के बाद गिरोह के सदस्यों ने ट्रक चालक और खलासी को वाराणसी में ले जाकर और ट्रक मथुरा में लावारिस हालत में
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