Monday, November 9, 2009

जहां जाना, संभल कर जाना!

राजसमंद। जब भी पुलिसकर्मियों ने जनता पर खाकी का रौब झाडने का प्रयास किया है तब-तब जनता ने खाकी की खूब खबर ली है। हाल के महीनों में राज्य में ऎसी दर्जनों घटनाएं घटित हो जाने के बाद पुलिस महकमे में इस पर मंथन हुआ। मंथन के दौरान भविष्य में पुलिस को जनता की मार खाने से कैसे बचाएंक्, इसके लिए खास बिन्दुओं की सूची बनाई गई। मंथन में सामने आए प्रमुख बिन्दुओं को सभी पुलिस महानिरीक्षकों से लेकर राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों को भी अवगत कराया गया है ताकि खाकी पर दाग न लगे।
हाल ही अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस सीआईडी (सीबी) की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पुलिसकर्मी, अनुसंधान दल अथवा पुलिस जाब्ता अगर अन्य जिला क्षेत्र में अनुसंधान, तामिल वारण्ट गिरफ्तारी, दस्तयाबी कार्रवाई के लिए जाएं तो इस संबंध में संबंघित जिले के सभी पुलिस उ“ााघिकारियों को पूर्व में सूचित किया जाएं एवं संबंघित थाना क्षेत्र को भी इसकी जानकारी दी जाएं।
...तेल की धार देखेंपत्र में कहा गया है कि जिस अपराधी को गिरफ्तार करने जा रहे हैं, उस अपराधी की जाति, संबंघित गांव में उस जाति व अन्य जाति के लोगों की तादाद, उस अपराधी और पुलिस को मदद करने वाले लोगों की सूची की पुख्ता जानकारी रखें।
हथियार परख लेंपत्र में कहा गया है कि कार्रवाई से पूर्व पुलिस दल अपने पास मौजूद हथियारों को अच्छी तरह परख लें साथ ही संबंघित गांव में कितने व्यक्तियों को हथियार के लाइसेंस जारी किए गए हैं एवं कितनों के हथियार (प्रकार) लगातार काम करते हैं, इसकी सूची भी प्राप्त करें। संबंघित व्यक्ति के गांव से किसी भी संभावित अनहोनी या मामला बढने जैसी स्थिति में वहां से बच कर भागने के रास्तों का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए। साथ ही उस क्षेत्र का भौगोलिक नक्शा भी पुलिस के पास होना चाहिए।
बीमार ना हो जवानपत्र में कहा गया है कि कार्रवाई के लिए जाने वाले जाब्ते के साथ कोई भी बीमार जवान नहीं होना चाहिए। साथ ही वाहन भी दुरूस्त होना चाहिए। इसके अलावा कार्रवाई से संबंघित तमाम जानकारी संबंघित जिले व अपने जिले के उ“ााघिकारियों को दी जाए।

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