देवगढ। कस्बे के मुख्य बाजार से लेकर गली-मोहल्लों में हर वक्त आवारा पशुओं का जमघट लगा रहता है। इससे आम नागरिक व व्यवसायी तो परेशान हैं ही विद्यालय जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों के लिए भी ये मवेशी खतरा बने हुए हैं।
नगर के मारू दरवाजा से सूरज दरवाजा बाहर तक के मुख्य बाजार में प्रतिदिन करीब 75-80 आवारा गाय, बैल, बछडे स्वच्छन्द विचरण कर जहां-तहां बैठ कर आवागमन को बाधित करते हैं। साथ ही व्यापारिक प्रतिष्ठानो में मुंह मारते रहते हैं। ये आवारा पशु विद्यालय जाने वाले विद्यार्थियों व राहगीरों पर भी हमला बोल देते हैं, जिससे कई लोग गम्भीर रूप से घायल हो चुके हैं।
क्षेत्रीय नागरिकों ने बताया कि इन पशुओं में से कई पालतू हैं, जिनके मालिक इन्हें सुबह-शाम दूध निकालने के बाद स्वच्छंद विचरण के लिए छोड देते हैं। क्षेत्रीय नागरिकों ने प्रशासन से शहर में विचरण कर रहे इन आवारा पशुओं से शीघ्र निजात दिलाने की मांग की है।
काइन हाउस का उपयोग नहीं
नगरपालिका ने आमेट रोड पर आवारा पशुओं को पकड कर रखने के लिए काइन हाउस बनवाया था, लेकिन अब तक उसमें एक भी आवारा मवेशी को पकडकर नहीं रखा गया है। काइन हाउस भी नगरपालिका की उदासीनता का शिकार है और इसमें चारे की कोई व्यवस्था नहीं है।
इनका कहना है
नगर के आवारा पशुओ को पकडकर काइन हाउस में रखने के कार्य शीघ्र शुरू कर दिया जाएगा।
लालसिंह राणावत, अधिशासी अधिकारी
Sunday, November 29, 2009
आवारा पशुओं का जमघट, नागरिक परेशान
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