राजसमंद/नाथद्वारा। पूर्व में जिला प्रमुख के उप चुनाव में सामान्य सीट पर अपिव के दावेदार को भाजपा का टिकट दिए जाने के बाद मचा विवाद अभी थमा ही नहीं कि नाथद्वारा निकाय के लिए घोषित उम्मीदवारों को लेकर विवाद गर्मा गया है। इस बार नाथद्वारा निकाय अध्यक्ष के लिए सामान्य सीट पर अन्य पिछडा वर्ग की उम्मीदवार को टिकट देने और बागी बनकर भाजपा उम्मीदवार को हरा चुके कार्यकर्ता को फिर से पार्षद का टिकट देने को लेकर विवाद हो गया है। देर रात नामों की घोषणा के बाद भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी अध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी को कथित रूप से गुमनाम पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराई है।
गौरतलब है कि जिला प्रमुख के उप चुनाव में भाजपा ने सामान्य सीट पर अन्य पिछडा वर्ग के कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया था तब पार्टी के16 में से आठ सदस्यों ने बगावत करते हुए पार्टी के खिलाफ मतदान किया था। नतीजतन प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पडा था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चतुर्वेदी को भेजे गए पत्र में कथित 'निष्ठावान और समर्पित' कार्यकर्ताओं ने कहा कि नाथद्वारा निकाय के चुनाव में चेयरमैन के लिए ओबीसी महिला को टिकट क्यों दिया
पार्टी में लिया कबपत्र में कहा गया है कि नाथद्वारा वार्ड संख्या छह के लिए जिसे प्रत्याशी बनाया गया है उसने पिछला चुनाव बागी के तौर पर लडा था व पार्टी प्रत्याशी को हराया था। पार्टी की ओर से उन्हें बाहर किए जाने की सूचना तो जारी की गई, लेकिन वापस पार्टी में लेने की बात गुप्त रखी गई, इसके पीछे का माजरा समझ से परे है।
गौरतलब है कि जिला प्रमुख के उप चुनाव में भाजपा ने सामान्य सीट पर अन्य पिछडा वर्ग के कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाया था तब पार्टी के16 में से आठ सदस्यों ने बगावत करते हुए पार्टी के खिलाफ मतदान किया था। नतीजतन प्रत्याशी को हार का मुंह देखना पडा था। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चतुर्वेदी को भेजे गए पत्र में कथित 'निष्ठावान और समर्पित' कार्यकर्ताओं ने कहा कि नाथद्वारा निकाय के चुनाव में चेयरमैन के लिए ओबीसी महिला को टिकट क्यों दिया
पार्टी में लिया कबपत्र में कहा गया है कि नाथद्वारा वार्ड संख्या छह के लिए जिसे प्रत्याशी बनाया गया है उसने पिछला चुनाव बागी के तौर पर लडा था व पार्टी प्रत्याशी को हराया था। पार्टी की ओर से उन्हें बाहर किए जाने की सूचना तो जारी की गई, लेकिन वापस पार्टी में लेने की बात गुप्त रखी गई, इसके पीछे का माजरा समझ से परे है।
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