देलवाडा। क्षेत्र की कालीवास व बिलोत पंचायत मुख्यालयों पर स्थित माध्यमिक विद्यालय बिना खैवेया की नाव बनकर रह गए हैं। चालू सत्र में इन विद्यालयों में दूसरे वर्ष भी संस्था प्रधान सहित विषयाध्यापकों के पद रिक्त होने से छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। प्रारंभिक शिक्षा के स्टॉफ के भरोसे चल रहे विद्यालयों से अभिभावकों को अपने नौनिहालों के भविष्य की चिंता सता रही है। विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी व लिपिक का पद भी खाली है।
कालीवास के माध्यमिक विद्यालय में 175 छात्रों पर महज तीन अध्यापक कार्यरत हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा नवक्रमोन्नत विद्यालयों की उपेक्षा से छात्रों के जीवन से खिलवाड हो रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने प्रशासन से विद्यालयों में शीघ्र अध्यापकों की नियुक्ति की मांग की है।
कालीवास के माध्यमिक विद्यालय में 175 छात्रों पर महज तीन अध्यापक कार्यरत हैं। माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा नवक्रमोन्नत विद्यालयों की उपेक्षा से छात्रों के जीवन से खिलवाड हो रहा है। क्षेत्रीय ग्रामीणों ने प्रशासन से विद्यालयों में शीघ्र अध्यापकों की नियुक्ति की मांग की है।
No comments:
Post a Comment