Monday, November 30, 2009

कुएं में मृत मिला पैंथर

कुंभलगढ । रिछेड मार्ग पर पिछले दिनों छह लोगों पर हमला कर घायल करने वाले पैंथर को आखिर ग्रामीणों ने मौत के घाट उतार दिया। क्षेत्र के पावणा गांव स्थित कुएं का पानी तोड कर वनकर्मियों ने सोमवार तडके करीब ढाई बजे पैंथर का शव बाहर निकाला। राजसमंद में पोस्टमार्टम के बाद अन्तिम संस्कार किया गया। वन विभाग ने वन्य जीव संरक्षण अघिनियम के तहत अज्ञात ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
वन विभाग के मुताबिक ग्रामीणों ने पैंथर को काफी दूरी तक दौडाया और उस पर पत्थर आदि से हमला किया। बाद में घेराबंदी कर ग्रामीण एक साथ उस पर टूट पडे। उसे लठ, सरिये और पत्थरों से खूब पीटा और जब लगा कि पैंथर मर गया है, तो उसे निकट ही एक गहरे कुएं में ले जाकर डाल दिया।
खून से सने लठ व पत्थर बरामदग्रामीणों के अनुसार गुरूवार दोपहर भगत तलाई से पैंथर के हमले का सिलसिला शुरू हुआ था। पैंथर ने पहले दिन एक मां एवं बेटी को घायल किया। शुक्रवार सुबह पावणा स्थित एक रहट पर दो पुरूषों को घायल कर गांव के रास्ते पर ही चल पडा। रास्ते में आई एक महिला भंवरी बाई कडेचा और उसकी छह वर्षीय दोहिती ललिता पर हमला कर दिया।
हमले के बाद शोर-शराबा सुनकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और पैंथर को घेर कर ताबड-तोड कुल्हाडी, पत्थर एवं लट्ठ से हमला बोल दिया। पैंथर की मौत के बाद साक्ष्य छिपाने के लिए हमलावरों ने खून से सने लट्ठ व पत्थरों को पास ही एक झाडी में डाल दिया। इनको मौके पर पहुंचे वनकर्मियों ने बरामद कर लिया। मृत पैंथर की पीठ, गले, सिर व गर्दन पर कुल्हाडी के गहरे घाव थे।
दो रात तक डटे रहे वनकर्मीपैंथर के कुएं मे होने के अंदेशे के बाद शुक्रवार से ही कुएं के आस-पास डेरा डाले वनकर्मी कुएं का पानी तोडने के प्रयास में जुटे रहे। आठ घंटे तक पंप चलाकर कुएं का पानी तोडा गया। गोताखोर रशीद खान व कासम खान ने रात करीब ढाई बजे कुएं मे उतरकर पैंथर को बाहर निकाला।
ये थे मौजूदक्षेत्रीय वन अघिकारी मणिशंकर चौबीसा, वनपाल महेन्द्रसिंह, देवीसिंह, गुमानाराम, रमेशचन्द्र पालीवाल, सहायक वनपाल जगदीश चन्द्र, वनरक्षक स्वरूपसिंह, देवसिंह आदि मौजूद थे।
भ्रमित किया ग्रामीणों नेग्रामीण वन विभाग को यह विश्वास भी दिलाते नजर आए कि कुएं मे कुछ नहीं है। वह तो हमले के बाद जंगल की ओर भाग गया। कुएं से पानी निकालने की बात सुनते ही जिन सात लोगों का कुएं में हिस्सा हैं, वे मौके पर आ गए एवं अपने-अपने खेतो मे पाण करने में व्यस्त हो गए।
इनका कहना हैपैंथर को ग्रामीणों ने ही मारा है, फिर भी इसकी जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। - मणिशंकर चौबीसा, क्षेत्रीय वन अघिकारी (सामाजिक वानिकी)

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