राजसमंद। अध्यापक को भाषा के उन विशेष विन्यास को पहचानने की कोशिश करनी चाहिए, जिनका प्रयोग बच्चा किसी निश्चित उद्देश्य तक पहुंचने के लिए कर रहा है, इस तरह के प्रयोगों को बढावा देना अध्यापक की विशेष जिम्मेदारी है। यह बात जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक शिक्षा व पदेन जिला परियोजना समन्वयक जगदीशचंद्र खण्डेलवाल ने कही। वे बुधवार को राजसमंद व रेलमगरा पंचायत समिति क्षेत्र के विद्यालयों के अवलोकन के दौरान संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से लहर कार्यक्रम, आओ पढें हम और रेडियो से अंग्रेजी पढाने के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो बालकों को आनंददायी शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। शिक्षकों को भी बच्चों को निरंतर ऎसी गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए और प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान का भावी पीढी के लिए उपयोग करना चाहिए। खंडेलवाल ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मंगलपुरा, रेल्वे स्टेशन कुंवारिया और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय रेलमगरा का निरीक्षण किया। उनके साथ अतिरिक्त परियोजना समन्वयक राजेश कटारा, सहायक परियोजना समन्वयक कालूसिंह राणावत, कार्यक्रम सहायक श्रीमती राधा अग्रवाल थीं।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक शिक्षा परिषद की ओर से लहर कार्यक्रम, आओ पढें हम और रेडियो से अंग्रेजी पढाने के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जो बालकों को आनंददायी शिक्षा के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं। शिक्षकों को भी बच्चों को निरंतर ऎसी गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए और प्रशिक्षण के दौरान अर्जित ज्ञान का भावी पीढी के लिए उपयोग करना चाहिए। खंडेलवाल ने राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय मंगलपुरा, रेल्वे स्टेशन कुंवारिया और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय रेलमगरा का निरीक्षण किया। उनके साथ अतिरिक्त परियोजना समन्वयक राजेश कटारा, सहायक परियोजना समन्वयक कालूसिंह राणावत, कार्यक्रम सहायक श्रीमती राधा अग्रवाल थीं।
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