राजसमंद/रिछेड। जिले के गजपुर-रिछेड मार्ग पर शुक्रवार सुबह एक पैंथर के हमले में चार जने गंभीर रूप से जख्मी हो गए, जिन्हें आर के राजकीय चिकित्सालय के सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया गया है।
दोनों घटनाएं गजपुर-रिछेड मार्ग पर सुबह करीब साढे आठ बजे घटी। पावणा निवासी भंवरी कडेचा (60) पत्नी चंपासिंह राजपूत अपनी दोहिती ललिता (6) पुत्री पृथ्वीसिंह राजपूत को साथ लेकर रावली तलाई के लिए निकली। दोनों पैदल ही जा रही थीं। इस दौरान पावणा के समीप कच्चे मार्ग पर एक पैंथर ने दोनों पर हमला बोल दिया।
मले के वक्त कुछ काश्तकार आसपास के खेतों में पिलाई का काम कर रहे थे। वे चीख-पुकार सुनकर बचाव के लिए दौडे। इस बीच पैंथर वहां से भाग छूटा। घायल भंवरीदेवी ने बताया कि ललिता के पिता पृथ्वीसिंह सुबह दस बजे मुम्बई जाने वाले थे, इसलिए दोनों उन्हें विदा करने जा रहे थे। हमले में भंवरी के गले व हाथ में पैंथर ने बुरी तरह नोच लिया और ललिता को भी गंभीर चोटें पहुंचाईं।
दो को पहले किया घायल
इससे कुछ देर पूर्व ही इसी स्थान पर पैंथर ने वहां से गुजर रहे भीमसिंह (55) पुत्र गुलाबसिंह व माना (28) पुत्र वरदासिंह निवासी रिछेड पर इसी स्थान पर हमला बोल दिया। पैंथर ने दोनों के हाथ-पैर नोच डाले।
बीती रात भी किया था हमला
इससे पूर्व गुरूवार शाम करीब साढे छह बजे इसी स्थान पर पैंथर ने सर्व शिक्षा अभियान के प्रशिक्षण में शामिल होकर गुंदी का भीलवाडा से लौट रहे शिक्षक खीमाराम परिहार पर भी हमला किया था। हालांकि वह बाइक पर सवार था। पैंथर ने छलांग लगाई, लेकिन वह बाइक के मडगार्ड से टकरा गया।
कई बार हुए हमले
गजपुर-रिछेड मार्ग के बीच यह मादा पैंथर आए दिन ग्रामीणों को नजर आ जाती है। ग्रामीणों ने इसके साथ कई बार एक शावक को भी देखा है। इस पैंथर ने करीब चार माह पूर्व नाथेला निवासी केसा भील पर हमला कर दिया था। बताया गया कि उस दौरान इस पैंथर के साथ उसका शावक भी था।
घायल वृद्धा के पुत्र खुमाणसिंह ने बताया कि इस मादा पैंथर ने क्षेत्र में आतंक मचा रखा है। यह करीब दस से बारह दिन के अंतराल में एक बार मुख्य सडक से गुजरते लोगों को नजर आ ही जाती है।
दोनों घटनाएं गजपुर-रिछेड मार्ग पर सुबह करीब साढे आठ बजे घटी। पावणा निवासी भंवरी कडेचा (60) पत्नी चंपासिंह राजपूत अपनी दोहिती ललिता (6) पुत्री पृथ्वीसिंह राजपूत को साथ लेकर रावली तलाई के लिए निकली। दोनों पैदल ही जा रही थीं। इस दौरान पावणा के समीप कच्चे मार्ग पर एक पैंथर ने दोनों पर हमला बोल दिया।
मले के वक्त कुछ काश्तकार आसपास के खेतों में पिलाई का काम कर रहे थे। वे चीख-पुकार सुनकर बचाव के लिए दौडे। इस बीच पैंथर वहां से भाग छूटा। घायल भंवरीदेवी ने बताया कि ललिता के पिता पृथ्वीसिंह सुबह दस बजे मुम्बई जाने वाले थे, इसलिए दोनों उन्हें विदा करने जा रहे थे। हमले में भंवरी के गले व हाथ में पैंथर ने बुरी तरह नोच लिया और ललिता को भी गंभीर चोटें पहुंचाईं।
दो को पहले किया घायल
इससे कुछ देर पूर्व ही इसी स्थान पर पैंथर ने वहां से गुजर रहे भीमसिंह (55) पुत्र गुलाबसिंह व माना (28) पुत्र वरदासिंह निवासी रिछेड पर इसी स्थान पर हमला बोल दिया। पैंथर ने दोनों के हाथ-पैर नोच डाले।
बीती रात भी किया था हमला
इससे पूर्व गुरूवार शाम करीब साढे छह बजे इसी स्थान पर पैंथर ने सर्व शिक्षा अभियान के प्रशिक्षण में शामिल होकर गुंदी का भीलवाडा से लौट रहे शिक्षक खीमाराम परिहार पर भी हमला किया था। हालांकि वह बाइक पर सवार था। पैंथर ने छलांग लगाई, लेकिन वह बाइक के मडगार्ड से टकरा गया।
कई बार हुए हमले
गजपुर-रिछेड मार्ग के बीच यह मादा पैंथर आए दिन ग्रामीणों को नजर आ जाती है। ग्रामीणों ने इसके साथ कई बार एक शावक को भी देखा है। इस पैंथर ने करीब चार माह पूर्व नाथेला निवासी केसा भील पर हमला कर दिया था। बताया गया कि उस दौरान इस पैंथर के साथ उसका शावक भी था।
घायल वृद्धा के पुत्र खुमाणसिंह ने बताया कि इस मादा पैंथर ने क्षेत्र में आतंक मचा रखा है। यह करीब दस से बारह दिन के अंतराल में एक बार मुख्य सडक से गुजरते लोगों को नजर आ ही जाती है।
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