राजसमंद। कांकरोली स्थित जे.के. टायर फैक्ट्री में रविवार को कामगारों में तनाव के चलते उत्पादन प्रक्रिया बाघित रही। जे.के. टायर कर्मचारी एकता यूनियन (सीटू) और जे.के. टायर कर्मचारी यूनियन (इंटक) के बीच कई बार तनाव की स्थिति बन जाने से संयंत्र में पुलिस जाब्ता तैनात करना पडा।
दोनों संगठनों तथा प्रबंधन ने राजनगर थाने में एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया है। उल्लेखनीय है कि कामगारों को शनिवार दोपहर प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में फैक्ट्री परिसर के भीतर भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कोई कार्य नहीं किया। दोनों संगठनों में तनाव के चलते जिला कलक्टर ने संयंत्र के भीतर जाकर समझाइश भी की। रविवार सुबह दोनों संगठनों में फिर तनाव पैदा हो गया।
सीटू ने आरोप लगाया कि सुबह करीब आठ बजे संगठन से सम्बद्ध कामगार सोहनसिंह और हिम्मत के साथ इंटक के कामगारों ने मारपीट की। इस दौरान सोहनसिंह बेहोश हो गया व हिम्मत को चोटें पहुंचीं। दोनों को उपचार के लिए आर.के. चिकित्सालय ले जाया गया। दोपहर करीब दो बजे सीटू के कामगार रणजीतसिंह अस्पताल में उपचाररत सोहनसिंह से मिलने जा रहा था। रास्ते में इंटक कार्यालय के बाहर खडे कामगारों ने उस पर हमला बोल दिया। जानकारी मिलने पर सीटू के कामगार मौके पर पहुंचे और उसे आर.के. चिकित्सालय पहुंचाया।
इंटक ने संगठन के कामगार बिहारीलाल व मथुरालाल से मारपीट का आरोप लगाया है। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए बिहारीलाल मथुरालाल के साथ आर.के. चिकित्सालय गया। वहां सीटू से संबद्ध कामगारों ने उसके साथ मारपीट की।
प्रशासन की दौड
मारपीट व कामगारों के घायल होने की सूचनाओं के बीच जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पडी। अपराह्न करीब तीन बजे आर.के. चिकित्सालय में सीटू और इंटक कामगारों के बीच विवाद की सूचना पर उप अधीक्षक सीपी शर्मा, उपखण्ड अघिकारी अशोक कुमार आदि चिकित्सालय के लिए रवाना हुए। इस बीच जेके सर्कल स्थित इंटक कार्यालय के बाहर मारपीट की जानकारी मिलने पर पूरा अमला तत्काल मौके पर रवाना हुआ। यहां स्थिति तनावपूर्ण होने पर जाब्ते को बुलवाया गया। अतिरिक्त जिला कलक्टर भंवरसिंह पंवार, पुलिस अधीक्षक नितिनदीप ब्लग्गन आदि अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया।
700 जवान तैनात
रविवार रात को भी जेके टायर फैक्ट्री में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। शिफ्टों में कामगार अंदर पहुंचे, लेकिन कार्य शुरू नहीं हो सका। संयंत्र के भीतर करीब 700 जवानों को विभिन्न शिफ्टों में तैनात किया गया।
पुलिस में मामले दर्ज
पुलिस ने इस संबंध में फैक्ट्री प्रबंधन सहित विभिन्न पक्षों की ओर से सात मुकदमे दर्ज किए। इनमें मुरलीधर माली ने रणजीतसिंह व अन्य, हिम्मत पुरोहित ने अयूब गनी व अन्य, सोहनसिंह ने वीरम, बबलू दीक्षित, रणजीतसिंह ने वीरेन्द्र मिश्रा, रतनलाल गाडरी सहित करीब 150 जनों तथा बिहारीलाल माली ने बंशीलाल कलाल सहित अन्य के खिलाफ मामला कराया। इसी तरह गेहरीलाल कुमावत ने कमलेश कलाल सहित 25 जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इधर, जेके प्रबंधक बी.आर. कविराज की रिपोर्ट पर पुलिस ने फतहसिंह, स"ानसिंह, भंवरलाल शर्मा, सुरेन्द्र चौधरी, पूरणराम, बी.एल. सोनी, जोधराज, जगदीश जायसवाल, राणाप्रतापसिंह, प्रेमसिंह हारवड, जगदीश राठौड, खंगा राणा आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
माल आया, काम नहीं हुआ
जेके फैक्ट्री के वाइस प्रेसीडेंट ए.के. मक्कड ने बताया कि संयंत्र के भीतर पुलिस जवान तैनात किए गए। रविवार को भी उत्पादन प्रक्रिया बाघित रहने के कारण बदली श्रमिकों को काम पर नहीं लगाया गया। उन्होंने बताया कि माल का परिवहन हो रहा है, लेकिन उत्पादन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
दोनों संगठनों तथा प्रबंधन ने राजनगर थाने में एक-दूसरे के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कराया है। उल्लेखनीय है कि कामगारों को शनिवार दोपहर प्रशासनिक अमले की मौजूदगी में फैक्ट्री परिसर के भीतर भेजा गया था, लेकिन उन्होंने कोई कार्य नहीं किया। दोनों संगठनों में तनाव के चलते जिला कलक्टर ने संयंत्र के भीतर जाकर समझाइश भी की। रविवार सुबह दोनों संगठनों में फिर तनाव पैदा हो गया।
सीटू ने आरोप लगाया कि सुबह करीब आठ बजे संगठन से सम्बद्ध कामगार सोहनसिंह और हिम्मत के साथ इंटक के कामगारों ने मारपीट की। इस दौरान सोहनसिंह बेहोश हो गया व हिम्मत को चोटें पहुंचीं। दोनों को उपचार के लिए आर.के. चिकित्सालय ले जाया गया। दोपहर करीब दो बजे सीटू के कामगार रणजीतसिंह अस्पताल में उपचाररत सोहनसिंह से मिलने जा रहा था। रास्ते में इंटक कार्यालय के बाहर खडे कामगारों ने उस पर हमला बोल दिया। जानकारी मिलने पर सीटू के कामगार मौके पर पहुंचे और उसे आर.के. चिकित्सालय पहुंचाया।
इंटक ने संगठन के कामगार बिहारीलाल व मथुरालाल से मारपीट का आरोप लगाया है। संगठन के पदाधिकारियों ने बताया कि मेडिकल जांच के लिए बिहारीलाल मथुरालाल के साथ आर.के. चिकित्सालय गया। वहां सीटू से संबद्ध कामगारों ने उसके साथ मारपीट की।
प्रशासन की दौड
मारपीट व कामगारों के घायल होने की सूचनाओं के बीच जिला प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पडी। अपराह्न करीब तीन बजे आर.के. चिकित्सालय में सीटू और इंटक कामगारों के बीच विवाद की सूचना पर उप अधीक्षक सीपी शर्मा, उपखण्ड अघिकारी अशोक कुमार आदि चिकित्सालय के लिए रवाना हुए। इस बीच जेके सर्कल स्थित इंटक कार्यालय के बाहर मारपीट की जानकारी मिलने पर पूरा अमला तत्काल मौके पर रवाना हुआ। यहां स्थिति तनावपूर्ण होने पर जाब्ते को बुलवाया गया। अतिरिक्त जिला कलक्टर भंवरसिंह पंवार, पुलिस अधीक्षक नितिनदीप ब्लग्गन आदि अधिकारियों ने स्थिति का जायजा लिया।
700 जवान तैनात
रविवार रात को भी जेके टायर फैक्ट्री में स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। शिफ्टों में कामगार अंदर पहुंचे, लेकिन कार्य शुरू नहीं हो सका। संयंत्र के भीतर करीब 700 जवानों को विभिन्न शिफ्टों में तैनात किया गया।
पुलिस में मामले दर्ज
पुलिस ने इस संबंध में फैक्ट्री प्रबंधन सहित विभिन्न पक्षों की ओर से सात मुकदमे दर्ज किए। इनमें मुरलीधर माली ने रणजीतसिंह व अन्य, हिम्मत पुरोहित ने अयूब गनी व अन्य, सोहनसिंह ने वीरम, बबलू दीक्षित, रणजीतसिंह ने वीरेन्द्र मिश्रा, रतनलाल गाडरी सहित करीब 150 जनों तथा बिहारीलाल माली ने बंशीलाल कलाल सहित अन्य के खिलाफ मामला कराया। इसी तरह गेहरीलाल कुमावत ने कमलेश कलाल सहित 25 जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। इधर, जेके प्रबंधक बी.आर. कविराज की रिपोर्ट पर पुलिस ने फतहसिंह, स"ानसिंह, भंवरलाल शर्मा, सुरेन्द्र चौधरी, पूरणराम, बी.एल. सोनी, जोधराज, जगदीश जायसवाल, राणाप्रतापसिंह, प्रेमसिंह हारवड, जगदीश राठौड, खंगा राणा आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
माल आया, काम नहीं हुआ
जेके फैक्ट्री के वाइस प्रेसीडेंट ए.के. मक्कड ने बताया कि संयंत्र के भीतर पुलिस जवान तैनात किए गए। रविवार को भी उत्पादन प्रक्रिया बाघित रहने के कारण बदली श्रमिकों को काम पर नहीं लगाया गया। उन्होंने बताया कि माल का परिवहन हो रहा है, लेकिन उत्पादन प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है।
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